हिमकेयर को मांगा 170 करोड़ का अतिरिक्त बजट, प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों का 200 करोड़ बकाया
आईजीएमसी समेत प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों का 200 करोड़ बकाया
हिमाचल के अस्पतालों में हिमकेयर योजना के लाभार्थियों का इलाज अब बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आईजीएमसी जैसे राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में भी एंजियोग्राफी से लेकर अधिकांश सर्जरी रुक गई हैं। आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कालेज, पीजीआई चंडीगढ़ समेत सरकारी अस्पतालों का ही बकाया करीब 200 करोड़ हो गया है। प्राइवेट अस्पतालों में सर्जरी बंद होने के कारण मरीजों की संख्या सरकारी में और बढ़ गई है। अब स्वास्थ्य विभाग ने वित्त विभाग से 170 करोड़ का अतिरिक्त बजट मांगा है। यह फाइल वित्त विभाग ने अभी प्लानिंग को भेजी है और रिकमेंडेशन का इंतजार है। हालांकि एक साथ इतनी धनराशि देना भी वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वित्त विभाग के लिए मुश्किल होगा।
आईजीएमसी का कहना है कि पहले जहां कार्डियोलॉजी में स्टंट डालने के लिए ही 40 से 47 आपरेशन महीने के होते थे, वे अब बढक़र 100 के पार चले गए हैं, लेकिन पिछला बकाया ज्यादा होने के कारण वेंडर अब सामान नहीं दे रहे। यही हाल दवाओं में है। इस कारण सर्जरी प्रभावित हुई है। इस बारे में स्वास्थ्य सचिव को सारी जानकारी दे दी गई है। स्वास्थ्य सचिव कार्यालय से बताया कि वित्त विभाग से अतिरिक्त पैसा मांगा गया है। हिम केयर योजना स्वास्थ्य बीमा की तरह है, जिसमें एक परिवार को पांच लाख तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा है। पूर्व भाजपा सरकार के समय शुरू हुई इस योजना में वर्तमान सरकार ने कई खामियां भी पकड़ी थीं। सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ ले रहे थे। निजी अस्पतालों में सिलेक्टिव सर्जरी हो रही थी। इसलिए सरकार को प्राइवेट अस्पतालों से सर्जरी हटानी पड़ी