हिमाचल के इंजीनियरों ने उठाए सवाल, गाडिय़ां चलने से पहले फोरलेन में दरारें
पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के निर्माण कार्य पर हिमाचल के इंजीनियरों ने उठाए सवाल
सुस्त चाल से चल रहे पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के निर्माण कार्य को लेकर अब हिमाचल के इंजीनियरों ने सवाल उठाए है । निर्माणाधीन फोरलेन की गुणवत्ता व निर्माण पद्धति को लेकर इन इंजीनियरों ने कहा की इसका निर्माण तय मानकों के अनुसार नहीं हो रहा है। बद्दी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इंजीनियर नरेश मेहता व हिमानी ठाकुर ने कहा कि अभी फोरलेन निर्माणाधीन है, लेकिन जहां पर सडक़ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां पर दरारें आना शुरू हो गई हैं। कंपनी ने 750 करोड़ में निर्धारित टेंडर मात्र 469 करोड़ में ले लिया था। उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने पिंजौर से लेकर नालागढ़ तक कई स्थानों पर गहनता से निरीक्षण किया तो उसमें कई प्रकार की खामियां पाई गई। एनकेएमपीवी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के पदाधिकारी नरेश मेहता ने कहा कि फोरलेन की सडक़ निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री स्तरीय नहीं है।
फोरलेन निर्माण के शैडयूल में स्पष्ट लिखा है कि कहीं पर भी गोल बजरी व गटका नहीं डाला जा सकता। इससे किसी भी सूरत में पकड़ नहीं बन पाती है, लेकिन यह कंपनी इस गटके का इस्तेमाल कर रही है। पिंजौर से लेकर बद्दी व नालागढ़ तक मार्ग पर जगह जगह सडक़ खड्डों में तबदील हो गई है। पिंजौर नालागढ़ फोरलेन का निर्माण का कार्य अक्तूबर 2024 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन यह अब तक यह परियोजना अब तक केवल 35 से 40 फीसद तक ही पहुंच सकी है।
केंद्रीय मंत्री को भेजी शिकायत
पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन परियोजना के निर्माण में हो रही अनियमितताओं को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मेहता व हिमानी ठाकुर ने एक शिकायत केंद्रीय सडक़ परिवहन