हिमाचल में बदलेगा जमाबंदी का फॉर्मेट; सरल होगा नया प्रारूप, रिमार्क्स कॉलम की लोकेशन भी बदलेगी
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार भू-सुधारों पर लगातार आगे बढ़ रही है। सरकार का जिम्मा संभालने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ले लटके पड़े इंतकाल के लिए विशेष अभियान छेड़ा था, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। अब सरकार प्रदेश में राजस्व विभाग के तहत जमाबंदी का फॉर्मेट बदलने जा रहा है। राजस्व विभाग ने इसके लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दी है। यह अधिसूचना अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा की ओर से जारी की गई है। इसमें लोगों से एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। दरअसल लैंड रेवेन्यू एक्ट की धारा-169 के अनुसार किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए लोगों से सुझाव मांगा जाना जरूरी है। जमाबंदी का नया फॉर्मेट ज्यादा सरल होगा। इसमें से रिमाक्र्स कॉलम को बदल दिया गया है, जिसमें वर्तमान जमाबंदी में बहुत कुछ लिखना पड़ता था।
यह भाषा भी उर्दू में होती थी, जो भूमि मालिक के ज्यादा काम की नहीं थी। अब विवरण या कैफियत कॉलम जमाबंदी के बॉटम में रखा गया है। गौरतलब है कि हिमाचल सरकार जमीन के राजस्व रिकॉर्ड की ई-केवाईसी करवा रही है। उसके बाद राज्य में भूमि मालिकों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की तरह यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा। इस नंबर के लिए भी खसरा नंबर के ही कॉलम में एक नया कॉलम जोड़ा गया है। डायरेक्टर लैंड रिकॉड्र्स अलग से इस पर काम कर रहे हैं।
क्या होती है जमाबंदी
जमाबंदी ज़मीन से जुड़े अधिकारों का रिकॉर्ड होता है। जमाबंदी में ज़मीन से जुड़ी कई तरह की जानकारी होती है, जैसे कि ज़मीन के मालिक कौन हैं, ज़मीन का आकार, और जमीन का इस्तेमाल किस तरह से किया जा रहा है।