स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि अहीरवाल में रबी फसल बिजाई के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद नही मिल रहा। अक्टूबर माह से गेंहू व सरसों की बिजाई प्रारंभ हो जायेगी, इस कारण किसान डीएपी खाद खरीद रहे है लेकिन उन्हे खाद नही मिल रहा। विद्रोही ने कहा कि 15 अक्टूबर को कुरूक्षेत्र में मोदीजी किसान हितैषी होने का ढोंग करके किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध करवाने के नाम पर अपने मुंह मियां मिठ्ठू तो बन रहे थे, लेकिन आज हालत यह है कि अहीरवाल में किसान डीएपी खाद के लिए भटक रहे है। यह हालत तो तब है कि सरसों बिजाई में ही लगभग 20 दिन का समय है। जब बिजाई के 20 दिन पूर्व ही डीएपी खाद की इतनी भारी किल्लत है तब बिजाई के लिए समय क्या हालत होगी, यह बताना भी बेमानी है। विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य है कि विगत 7-8 सालों से हर बार अहीरवाल में चाहे खरीफ फसल की बिजाई हो या रबी फसल की बिजाई हो, हर बार किसान डीएपी व यूरिया खाद के लिए भटकते रहते है। खाद बिक्री केन्द्रों के सामने लम्बी-चौडी लाईने लगी रहती है, फिर भी किसान को पर्याप्त खाद नही मिलता और अधिकांश किसानों को ब्लैक में खाद लेना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर देश का प्रधानमंत्री किसानों के लिए मगरमच्छी आंसू बहाकर जनता को ठगते है। विद्रोहीे हरियाणा सरकार से मांग की कि अहीरवाल में तत्काल पर्याप्त डीएपी खाद उपलब्ध करवाये ताकि किसान सरसों व गेंहू की बिजाई कर सके। सरकार यह न भूले कि शेष हरियाणा की तुलना में दक्षिणी हरियाणा में सरसों व गेंहू की बिजाई एक माह पूर्व शुरू हो जाती है।
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Nation News Desk
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