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November 22, 2024
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Month : July 2024

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Police Bharti 2024: पहली बार लंबाई के मिलेंगे अतिरिक्त अंक, 1,226 पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए होनी है भर्ती

Nation News Desk
HP Police Bharti 2024: पहली बार लंबाई के मिलेंगे अतिरिक्त अंक, 1,226 पुलिस कांस्टेबल पदों के लिए होनी है भर्ती हिमाचल में 1,226 पुलिस कांस्टेबल...
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Himachal: 160 करोड़ की लागत से छह सड़कें होंगी अपग्रेड, बजट मंजूर, आवागमन होगा आसान

Nation News Desk
Himachal: 160 करोड़ की लागत से छह सड़कें होंगी अपग्रेड, बजट मंजूर, आवागमन होगा आसान बिलासपुर: सदर विधानसभा क्षेत्र की छह सड़कों को अपग्रेड करने...
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अब महंगी दवाइयाँ मिलेंगी आधे से भी कम दाम में: जन औषधि सुगंध मोबाइल एप से बचाएँ हजारों रुपए

Nation News Desk
अब महंगी दवाइयाँ मिलेंगी आधे से भी कम दाम में: जन औषधि सुगंध मोबाइल एप से बचाएँ हजारों रुपए मेडिकल माफिया को रोकने के उपाय दवाइयों के ऊंचे दाम और निजी कंपनियों की लूट से आम जनता बेहद परेशान है। एक निजी कंपनी की ₹218 की दवाई जन औषधि केंद्र पर केवल ₹36.10 में उपलब्ध है। इससे स्पष्ट होता है कि मेडिकल माफिया कितने बड़े मार्जिन के साथ काम कर रहा है। अंतर केवल ब्रांड का है, जबकि दवाई का असर एक जैसा होता है। इस निजी माफिया को रोकने के लिए कई सुझाव दिए जा रहे हैं।  सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी एक बड़ा मुद्दा है। डॉक्टर अक्सर मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से दवाइयाँ खरीदने की सलाह देते हैं, जिससे उन्हें कमीशन मिलता है। इस माफिया को रोकने के लिए सरकार को एक नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए कि हर सरकारी संस्थान में दवाई के ब्रांड के नाम की जगह उसका साल्ट लिखा जाए और डॉक्टर हमेशा मरीज को जेनेरिक दवाई लिखें।  सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के मुख्यालय से सीधी दवाइयाँ मंगवानी चाहिए ताकि दवाइयाँ और भी कम दामों पर मिल सकें। इससे जरूरतमंद लोगों को निजी मेडिकल स्टोरों से महंगे दामों पर दवाइयाँ खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे सरकारी अस्पतालों में वही साल्ट की जेनेरिक दवाइयाँ 70% कम दामों पर मिल सकती हैं, जिससे आम लोगों की सेहत और जेब दोनों में सुधार होगा। निजी माफिया पर नकेल सरकार के खजाने में ज्यादा से ज्यादा पैसे आएंगे और देश मजबूत होगा। निजी माफिया पर नकेल कसने के लिए दवाइयों के साल्ट का नाम लिखने की शुरुआत की जा सकती है। लोगों को जेनेरिक दवाइयाँ खरीदने के लिए जन औषधि सुगंध ऐप का उपयोग करने की अपील की जा रही है। जन औषधि सुगंध कैसे डाउनलोड करें कोई भी व्यक्ति जिसके पास एंड्रॉइड फोन है, वह प्ले स्टोर में जाकर जन औषधि सुगंध ऐप डाउनलोड कर सकता है। वहां व्यक्ति अपनी दवाई का साल्ट लिखकर देख सकता है कि उसे यह दवाई प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र में कितने रुपये की मिलेगी। ऐप में यह भी चेक कर सकते हैं कि आपके नजदीक कौन सा जन औषधि केंद्र है। अमेरिका और कनाडा में जेनेरिक दवाओं का बोलबाला अमेरिका और कनाडा जैसे विकसित देशों में भी जेनेरिक दवाइयां का काफी बोलबाला है । कनाडा में 10 में से 7 प्रिस्क्रिप्शन जेनेरिक दवाओं के लिए भरे जाते हैं। FNHA (First Nations Health Authority) सभी अन्य सार्वजनिक दवा कार्यक्रमों की तरह जेनेरिक और ब्रांड नाम की दवाओं का वही संयोजन कवर करता है। इस प्रकार, यह संदेश दे रहा है कि जेनेरिक दवाएँ ब्रांडेड दवाओं की तरह ही प्रभावी और सुरक्षित हैं और उनकी गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है। विधानसभा और लोकसभा में बिल पारित होना जरूरी राज्य और केंद्र सरकार को अपने-अपने सदन में दवाइयों के मूल्य को लेकर सख्त फैसला लेना चाहिए ताकि इस बड़ी लूट को काबू में किया जा सके। इससे हर व्यक्ति, चाहे वह अमीर हो या गरीब, दवाइयों की कमी के कारण अपनी जान न गवाए। समाज सेवियों की अपील समाज सेवियों की मांग है कि सरकारी तंत्र को मजबूत किया जाए ताकि निजी मेडिकल माफिया के दाम कम हो सकें। यह भी कहा जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के ब्रांड के नाम की जगह साल्ट लिखने का कानून बनाया जाए। इसके साथ ही, समाज को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का अधिक से अधिक प्रचार करना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राजनीतिक, सामाजिक, और धार्मिक संगठनों को इस योजना का प्रचार-प्रसार करना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति दवाइयों की कमी के कारण अपनी जान न गंवाए। हम अक्सर सोशल मीडिया पर देखते हैं कि लोग दवाइयों के लिए दर-दर भटकते हैं। जरूरतमंद लोग सामाजिक संगठनों से अपनी मदद की गुहार लगाते हैं। हमारा समाज तभी मजबूत होगा जब यह सभी माफिया खत्म होंगे। इसलिए हमें अपने सरकारी तंत्र को मजबूत करते हुए इस जन औषधि योजना का अधिक से अधिक प्रचार करना चाहिए, ताकि देश में किसी भी प्रकार की बीमारी हो, उसकी दवाई सरकारी केंद्रों से मिल सके। वैसे तो हम लोग अक्सर ही अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों की बात करते हैं कि वहां पर सरकार बहुत अच्छी है और वहां इलाज बिल्कुल मुफ्त है। हमारे देश में भी यह तभी संभव है जब हम लोग अपने देश को मजबूत करेंगे और अपने सरकारी तंत्र को बढ़ावा देंगे। जब हम बदलेंगे तो समाज बदलेगा और जब समाज बदलेगा तो हालात बदलेंगे। दवाइयों की मियाद और गुणवत्ता...
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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का शुभारंभ किया

Nation News Desk
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का शुभारंभ किया राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चंबा के ऐतिहासिक मिंजर मेले में बतौर मुख्यातिथि...
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Karnal: खड़े ट्रक में बाइक की टक्कर, दो युवकों की मौत, चालक पर केस दर्ज

Nation News Desk
Karnal: खड़े ट्रक में बाइक की टक्कर, दो युवकों की मौत, चालक पर केस दर्ज बाइक सवार तीन युवक करनाल से पानीपत जा रहे थे।...

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