22 बिजली परियोजनाओं के लिए फरवरी में निकलेगा टेंडर
दूसरे राज्यों से आवेदन का इंतजार, तीन फरवरी को साफ होगी तस्वीर
परियोजनाओं का निर्माण करने में यदि दूसरे राज्यों की सरकारें रुझान नहीं दिखाती हैं, तो निजी कंपनियों से आवेदन मांगे जाएंगे। इनके लिए बाकायदा टेंडर निकाला जाएगा और उसके माध्यम से बिडिंग करवाई जाएगी। इससे पहले प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों के रुझान को देख रही है और सूत्रों की मानें तो कुछ राज्यों ने इसमें रुझान दिखाया भी है। इसकी तस्वीर तीन फरवरी को साफ होगी, क्योंकि तब तक इसकी आखिरी तारीख रखी है। सूत्रों के अनुसार राज्य में ऐसी 22 के करीब परियोजनाएं हैं, जिनका आबंटन किया जाना है। बताया जा रहा है कि कुछ राज्यों से प्रदेश सरकार की पहल पर इस संबंध में जानकारी मांगी है और वे देख रहे हैं कि सरकार किन शर्तों के आधार पर प्रोजेक्ट दे रही है।
बहरहाल सभी राज्य सरकारों को हिमाचल में बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए पत्र लिखा गया था और 30 दिनों के भीतर उनकी तरफ से आवेदन को कहा गया है। तीन फरवरी को यह मियाद पूरी हो जाएगी। इसके बाद प्राइवेट डिवेलपर के बारे में सोचा जाएगा। गौर हो कि भारत सरकार ने सभी राज्यों को हाइड्रो पावर परचेज अनिवार्य कर रखी है। वर्ष 2022 से सभी राज्यों को हाइड्रो पावर खरीदनी ही पड़ती है। या तो वे अपना प्रोजेक्ट लगाएं या फिर इस बिजली की खरीद करें। ऐसे में भारत सरकार द्वारा जो बाध्यता उनके लिए रखी गई है, उसके मुताबिक उन्हें हर साल बिजली खरीदकर इस्तेमाल करनी पड़ती है। सूत्रों के अनुसार कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री, जिनमें हरियाणा व तेलंगाना भी एक है, ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस संबंध में बात की थी और उनकी तरफ से रुझान दिखाया जा रहा है।