सुंदरनगर, 12 अक्तूबर, 2024
397 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6835 लाभार्थियों को किया जा रहा है लाभान्वित
पोषण स्तर व स्वास्थ्य में सुधार लाना महिला एवं बाल विकास परियोजना का उद्देश्य
राज्य सरकार द्वारा अनेक जनहितैषी व कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गर्भवती व धात्री माताओं व बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में अनेक आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जिनके माध्यम से गर्भवती महिलाओं व बच्चों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
397 आंगनवाड़ी केंद्र किए जा रहे है संचालित
महिला एवं बाल विकास परियोजना सुंदरनगर के माध्यम से क्षेत्र में वर्तमान में 397 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहें हैं। इनमें 289 आंगनवाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में, 38 केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं। इन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से शून्य से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
6835 पात्र लाभार्थी ले रहे लाभ
परियोजना के अन्तर्गत संचालित किए जा रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6835 पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। क्षेत्र में 6 माह से 3 वर्ष की आयु वर्ग के 4281 बच्चे, 3 से 6 वर्ष की आयु के 1014 बच्चे, 754 गर्भवती महिलाएं और 786 धात्री माताएं शामिल हैं। इन्हें पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए भी अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
पोषाहार का रखा जा रहा विशेष ध्यान
सुंदरनगर में संचालित किए जा रहे सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को प्रतिदिन प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों और माताओं को पुलाव, मीठा दलिया, चावल, नमकीन दलिया, सेवियां, राजमाह, चने, न्यूट्रीमिक्स और बिस्कुट आदि उपलब्ध करवाए जाते हैं।
आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाएं
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत नियुक्त चिकित्सा टीम द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों व माताओं की स्वास्थ्य जांच की जाती है। स्वास्थ्य जांच के दौरान किसी बिमारी से ग्रस्त या अतिकुपोषित पाए जाने वाले बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जाता है और बच्चों पर निगरानी रखी जाती है। आंगनवाड़ी केंन्द्रों में फस्ट एड बाक्स भी उपलब्ध रहता है।
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती महिलाओं व 0 से 1 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव व रोकथाम हेतू टीकाकरण करवाने में भी आंगनवाड़ी केंद्र अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभा रहे हैं। इससे इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में मदद मिलती है।
लोगों तक पहुंचाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं
बाल विकास परियोजना अधिकारी सुन्दरनगर शिव सिंह वर्मा ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से गर्भवती व धात्री माताओं व बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।
लाभार्थी महिलाएं
सुंदरनगर नगर परिषद की लाभार्थी महिला ज्योति ने बताया कि वह आंगनवाड़ी में पंजीकृत है। जहां से उसे पौष्टिक आहार के रूप में चना, राजमाह, सेवइयां, चावल और दलिया इत्यादि मिलता है जो कि उसके लिए और होने वाले बच्चे के लिए पौष्टिक आहार है। इस तरह की योजनाएं गर्भवती महिलाओं के लिए चलती रहनी चाहिए जिसके लिए उसने प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया।
यहीं की निवासी रेखा ने बताया कि उसका बच्चा 1 साल का है जिसके लिए आंगनवाड़ी से राशन दिया जाता है। समय-समय पर आंगनवाड़ी केंद्र में दवाइयां भी खिलाई जाती है। उसने प्रदेश सरकार का इस तरह की योजनाओं के लिए धन्यवाद किया।
क्या कहती है आंगनवाड़ी वर्कर
सुंदरनगर नगर परिषद के वार्ड नंबर 10 रोपा की आंगनवाड़ी वर्कर लज्जा सैनी ने कहा कि उसके आंगनवाड़ी केंद्र में स्थाई और अस्थाई बच्चे पंजीकृत हैं जिसमें अस्थाई बच्चों की संख्या ज्यादा है जिन्हें पौष्टिक आहार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि 3 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में ही खाना पका कर खिलाया जाता है।