90 फीसदी मरीजों ने दी टीबी को मात; 1800 में से 1620 पीडि़त पूरी तरह ठीक, रंग लाई स्वास्थ्य विभाग की मुहिम
1800 में से 1620 पीडि़त पूरी तरह ठीक, रंग लाई स्वास्थ्य विभाग की मुहिम
पहाड़ की महिलाओं ने टीबी को मात देकर नए जीवन की शुरुआत की है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो टीबी से पीडि़त 90 फीसदी मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जबकि दस फीसदी मरीजों का उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के मरीजों की पहचान के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया था। इस अभियान में अकेले शिमला में ही 1800 मरीजों की पहचान हुई है। यह सभी मरीज बीते साल सामने आए थे और अब इनमें से करीब 1620 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए विभाग ने हाल ही में कई अहम कदम उठाए हैं। इस कड़ी में पोर्टेबल टीबी एक्सरे मशीन की लांचिंग भी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने इस मशीन की लांचिंग की है। मशीन को शुरुआती चरण में चंबा जिला में स्थापित किया गया है। जबकि भविष्य में इसे दूसरे जिलों में भी लगाया जाएगा। पोर्टेबल एक्सरे मशीन को कहीं भी उठाकर ले जाया जा सकता है और मरीजों को एक्सरे के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं है। यह मशीन टीबी मरीजों की पहचान बेहद आसानी से कर सकती है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से जो मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं उन्होंने अपनी बीमारी से लडऩे के किस्से साझा किए हैं।
दो बार बीमारी से लड़ाई
क्यार कोटी की रहने वाली डिंपल ने बताया कि दो बार टीबी से ग्रसित हो चुकी हैं, लेकिन वे दो बार टीबी से जीत चुकी हैं। पहली बार 2016 और दूसरी बार 2021 में टीबी को हराया है।
अभियान छेड़ा
शिमला के लालपानी की निर्मला ने कहा कि उन्होंने अपना सारा इलाज सरकारी अस्पताल में ही करवाया है। अब वे लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करती हैं।