दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद BJP की वापसी, AAP को मिली करारी शिकस्त
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ 48 सीटें जीती, आप 22 पर अटकी, तीसरी बार भी खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की आंधी के आगे आम आदमी पार्टी (आप) का 12 वर्ष का शासन उखड़ गया। दिल्ली की जनता ने लगभग 27 साल के लंबे अंतराल के बाद भाजपा को एक बार फिर सत्ता सौंपी है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव की शनिवार को हुई मतगणना में भाजपा को 48 सीटें मिलीं। सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस व अन्य दल को एक भी सीट नहीं मिली है। भाजपा ने 1993 में 53 सीटें यानी दो तिहाई बहुमत हासिल किया था। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करके 27 साल बाद अपना परचम लहराया है और पिछले तीन बार की आप सरकार को दिल्ली की जनता ने नकार दिया। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज समेत कई बड़े नेता अपना चुनाव हार गए।
पार्टी के दिग्गज चेहरों में केवल मुख्यमंत्री आतिशी अपनी सीट बचाने में कामयाब रही है। दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान हुआ था। केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने पराजित किया है। दिल्ली के राजनीतिक क्षितिज पर आम आदमी पार्टी के प्रादुर्भाव से पहले करीब 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपना खाता फिर नहीं खोल सकी है। इस बीच, दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने सचिवालय सील करने के आदेश जारी किए। इसमें कहा गया है कि बिना परमिशन के कोई भी फाइल या दस्तावेज, कम्प्यूटर हार्डवेयर सचिवालय के परिसर से बाहर नहीं जाना चाहिए। 2020 में भाजपा ने महज आठ सीटें जीती थीं।