हिमाचल पंचायत चुनाव: आरक्षित जीत के लिए देना होगा अब जाति प्रमाणपत्र, सरकार ने नियमों में किया संशोधन
प्रदेश सरकार ने आगामी पंचायतीराज चुनाव के लिए नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत अब उम्मीदवारों को आरक्षित सीट के लिए अपनी विशिष्ट जाति का प्रमाणपत्र देना होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी पंचायतीराज चुनाव के लिए नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत अब उम्मीदवारों को आरक्षित सीट के लिए अपनी विशिष्ट जाति का प्रमाणपत्र देना होगा। इसे राज्य सरकार के प्राधिकृत सक्षम अधिकारी से प्रमाणित करना होगा। ऐसा नहीं करने पर नामांकन रद्द माना जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज निर्वाचन संशोधन नियम 2025 को अधिसूचित किया है। अभी तक केवल जाति की स्वघोषणा करने पर ही नामांकन स्वीकार किए जाते थे। नई व्यवस्था के तहत सरकार ने नियम 35 के उप नियम 5 को जोड़ा है। इसके अलावा अब चुनाव में एक से अधिक प्रस्तावक नहीं होंगे।
नए संशोधन नियमों के अनुसार नामांकन पत्र तब तक विधि मान्य नहीं माना जाएगा, जब तक इसमें उम्मीदवार की ओर से अपनी विशिष्ट जाति या जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग की घोषणा नहीं जोड़ी जाएगी। इस घोषणा के साथ राज्य सरकार के प्राधिकृत सक्षम अधिकारी से प्रमाणित ऐसा प्रमाणपत्र देना होगा, जिसमें संबंधित उल्लेख हो। यह व्यवस्था केवल उन्हीं मामलों में लागू होगी, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दिसंबर 2025 के बाद पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव प्रस्तावित हैं। इसे लेकर पंचायती राज विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं