
नेशन न्यूज़ । सर्वविदित है कि साहित्य समाज का न केवल दर्पण होता है, बल्कि समाज को दिशा भी प्रदान करता है और भारत में तो राष्ट्रीय साहित्य द्वारा न केवल भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गयी थी. बल्कि वर्तमान में भी राष्ट्रीय साहित्य भारतीय समाज की दशा को प्रतिबिम्बित करते हुए उसे समुचित दिशा प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र में भारत के सुप्रसिद्ध साहित्यकारों के साथ कुछ लोक सेवक भी विशिष्ट रूप से सक्रिय है, जिनमें सम्मिलित हैं कोलकत्ता के डॉ. शमशेर जमदग्नि, जो एक सुप्रसिद्ध भारतवादी साहित्यकार हैं तथा वर्तमान में ‘अपर आयुक्त’ के पद पर प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में सेवारत हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में राष्ट्र भाषा हिन्दी का प्रथम समाचार-पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ दिनांक 30 मई 1826 को भारत की तत्कालीन राजधानी कलकत्ता से पं. जुगुल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसका वर्तमान में द्विशताब्दी वर्ष चल रहा है। फलत, इसी उपलक्ष्य में केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, भारतीय भाषा परिषद, कोलकत्ता, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ एवं काशी- वाराणसी विरासत प्रतिष्ठान, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में विगत दिनों कलकत्ता, पं. बंगाल में हिन्दी पत्रकारिता प्रथम समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड द्विशताब्दी वर्ष केन्द्रित ‘भारत: राष्ट्रीय साहित्य एवं मीडिया महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, महामहिम राज्यपाल, असम की मुख्य अतिथि के रूप में महत्वपूर्ण सहभागिता रही।
फलतः, सुप्रसिद्ध भारतवादी साहित्यकार डॉ. शमशेर जमदग्नि को भारतवादी साहित्य सर्जन के माध्यम से भारत के राष्ट्रीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, महामहिम राज्यपाल, असम के कर कमलो से ‘साहित्य सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया गया, जिसे डॉ. जमदग्नि द्वारा विनम्रतापूर्वक ग्रहण करते हुए वन्देमातरम- भारतमातरम’ को ससम्मान समर्पित कर दिया गया।
महत्वपूर्ण है कि डॉ. शमशेर जमदग्नि एक आर्दश लोक सेवक के साथ सुप्रसिद्ध भारतवादी साहित्यकार भी हैं, जिनकी 02 महत्वपूर्ण पुस्तके मैं भारतवर्ष हूं (2010) एवं ‘काव्यांजलि की कलियां’ (2012) हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों एवं राजकीय जिला पुस्तकालयों हेतु अनुमोदित हैं। डॉ. जमदग्नि की ये दोनों विशिष्ट पुस्तकें ‘भारतमातरम राष्ट्रपीठ, नई दिल्ली’, जो भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन को समर्पित एक राष्ट्रीय संस्थान है, द्वारा प्रकाशित है तथा क्रमशः हिन्दी गद्य एवं पद्य में भारतीय संस्कृति का अमर सन्देश प्रदान करती है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. शमशेर जमदग्नि भारतीय साहित्य के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को समर्पित एक विशिष्ट व्यक्तित्व हैं, जिन्हें विगत वर्ष (2024) संविधान कल्ब, नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय समारोह में भारतीय समाज में सास्कृतिक योगदान के लिए सुश्री ममता शर्मा, भूतपूर्व अध्यक्षा, राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली द्वारा ‘आदि शंकराचार्य राष्ट्रीय शान्ति पुरस्कार-2024’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
फलतः, भारतीय संस्कृति के चिन्तक भारतवादी साहित्यकार डॉ. शमशेर जमदग्नि को सम्प्रति प्राप्त ‘साहित्य सेवा सम्मान’ की विशिष्ट महत्ता यह है कि जहां डॉ. शमशेर जमदग्नि मूलतः हरियाणा के निवासी हैं एवं वर्तमान में उनका स्थायी निवासस्थान नई दिल्ली है, वहीं वे उत्तर प्रदेश में एक राजकीय उच्चाधिकारी के रूप में सेवारत हैं एवं उन्हें यह राष्ट्रीय पुरस्कार पं. बगाल में प्राप्त हुआ है और इसे महामहिम राज्यपाल, असम द्वारा प्रदान किया गया है। अतः इस विशिष्ट राष्ट्रीय सम्मान में हरियाणा, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पं. बंगाल एवं असम आदि अनेक महत्वपूर्ण राज्य अर्थात् सम्पूर्ण भारतवर्ष प्रतिबिम्बित हो चला है।