हिमाचल में महिलाओं के लिए खुशखबरी: शिक्षा-स्वरोजगार ऋण की सीमा 3 लाख रुपए हुई, हजारों महिलाओं को मिलेगा लाभ
हिमाचल में महिलाओं के लिए खुशखबरी: शिक्षा-स्वरोजगार ऋण की सीमा 3 लाख रुपए हुई, हजारों महिलाओं को मिलेगा लाभ
मुख्य बातें:
शिक्षा ऋण सीमा में ऐतिहासिक वृद्धि: हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम ने शिक्षा ऋण की सीमा ₹75,000 से बढ़ाकर ₹3 लाख की।
स्वरोजगार को बढ़ावा: स्वरोजगार के लिए भी ऋण की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख की गई।
कम ब्याज दर: शिक्षा के लिए 4% और रोजगार के लिए 6% की न्यूनतम ब्याज दर पर मिलेगा ऋण।
आर्थिक उत्थान का लक्ष्य: इस फैसले से राज्य की अधिक से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम ने अपनी शिक्षा और स्वरोजगार ऋण योजनाओं की सीमा में ऐतिहासिक वृद्धि की है, जिसे निदेशक मंडल की 51वीं बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से अब प्रदेश की हजारों महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा और अपना व्यवसाय शुरू करने का सपना साकार हो सकेगा।
शिक्षा और स्वरोजगार के लिए अब मिलेंगे 3-3 लाख
निगम के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने इन महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार:
शिक्षा ऋण: उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छुक महिलाओं के लिए ऋण की सीमा को मौजूदा ₹75,000 से चार गुना बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया गया है।
स्वरोजगार ऋण: अपना काम-धंधा या व्यवसाय शुरू करने वाली महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना के तहत ऋण की सीमा को ₹1 लाख से तिगुना बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया गया है।
मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा, “ऋण राशि में इस उल्लेखनीय वृद्धि से निगम की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अधिक महिलाएं आकर्षित होंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की हर जरूरतमंद महिला तक पहुंचकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।”
जागरूकता शिविरों पर दिया जाएगा जोर
मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि इन बढ़ी हुई योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए राज्य में नियमित अंतराल पर सुनियोजित जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा, “इन शिविरों के माध्यम से महिलाओं को निगम द्वारा उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी, ताकि वे इनका पूरा लाभ उठा सकें।”
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
महिला विकास निगम द्वारा दिए जाने वाले इस ऋण के लिए पात्रता बेहद सरल रखी गई है ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद महिलाएं इसका फायदा उठा सकें।
पात्रता: ऋण प्राप्त करने के लिए महिला के परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से कम होनी चाहिए।
ब्याज दर: शिक्षा के लिए ऋण न्यूनतम 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर और स्वरोजगार के लिए 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है।
35 वर्षों से महिला उत्थान को समर्पित है निगम
10 अप्रैल, 1989 को स्थापित हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम का मुख्य उद्देश्य बिना किसी भेदभाव के महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करना है। अपनी स्थापना से लेकर आज तक, निगम ने 13,551 महिलाओं को लाभान्वित करते हुए ₹69.36 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित किए हैं। इसके अतिरिक्त, लाभार्थी महिलाओं को ₹2.64 करोड़ से अधिक की ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की गई है, जो सरकार की महिला-केंद्रित नीतियों को दर्शाता है। ऋण सीमा में यह नवीनतम वृद्धि निश्चित रूप से इस मिशन को और गति प्रदान करेगी।