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हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य पुरस्कार की नीति में किया संशोधन,अब 15 वर्ष की बजाय 10 साल होगी सेवा मूल्यांकन की शर्त

अब 15 वर्ष की बजाय 10 साल होगी सेवा मूल्यांकन की शर्त

हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य पुरस्कार की नीति में किया संशोधन

अब 15 वर्ष की बजाय 10 साल होगी सेवा मूल्यांकन की शर्त

नये शिक्षकों को भी मिलेगा पुरस्कृत होने का मौका

हर साल कुल 14 राज्य पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित, पुरस्कार विजेताओं को मिलेगा 1 लाख रुपये का नगद इनाम, प्रशंसा प्रत्र

चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही राज्य विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य पुरस्कार की नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है। संशोधन के अनुसार, नीति में शिक्षकों की सेवाओं का मूल्यांकन करने के लिए 15 वर्ष की शर्त को अब 10 वर्ष कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से अब नये शिक्षकों को भी पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की शैक्षणिक, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर असाइनमेंट के प्रति उनके योगदान के लिए उत्कृष्ट और सराहनीय सेवाओं के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार की योजना चलाई जा रही है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संकाय सदस्यों को सम्मानित करना है।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत उच्च शिक्षा के वे संकाय जो असाधारण शैक्षणिक दक्षता, शिक्षण की गुणवत्ता और पेशेवर क्षमता, अच्छे आचरण और टीम भावना, स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ाव, नवीन शिक्षण विधियों का उपयोग करते हैं, उन्हें पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया जाएगा।

हर साल कुल 14 राज्य पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित, पुरस्कार विजेताओं को मिलेगा 1 लाख रुपये का नगद इनाम, प्रशंसा प्रत्र

प्रवक्ता ने बताया कि नीति के तहत शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए हर साल कुल 14 राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसमें उच्चतर शिक्षा के दायरे में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों को 2 पुरस्कार, सरकारी कॉलेजों को 8 पुरस्कार और हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों को 4 पुरस्कार शामिल होंगे। पुरस्कार विजेताओं को 1 लाख रुपये का नगद इनाम, प्रशंसा प्रत्र और शॉल से नवाजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्य विश्वविद्यालय के तहत विज्ञान/इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी/स्वास्थ्य विज्ञान/वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय को 1, मानविकी/सामाजिक विज्ञान संकाय को 1 पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार, सरकारी कॉलेज के विज्ञान संकाय को 2, भाषा/मानविकी/सामाजिक विज्ञान संकाय को 4 तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय को 2 पुरस्कार दिए जाएंगे। वहीं, सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेज को विज्ञान संकाय में 1, भाषा/मानविकी/सामाजिक विज्ञान संकाय में 2 और वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय में 1 पुरस्कार दिया जाएगा।

पुरस्कार के लिए पात्रता मानदंड

प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षक हरियाणा राज्य के अधिकार क्षेत्र में स्थित राज्य विश्वविद्यालयों/सरकारी महाविद्यालयों/सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत होना चाहिए। सभी नियमित कार्यरत संकाय सदस्य जिन्होंने कम से कम 10 वर्षों तक अध्यापन किया हो और जिनका शिक्षण, शोध और सामान्य रूप से छात्रों/समाज के लिए योगदान में उत्कृष्ट रिकॉर्ड हो, वे पुरस्कार के लिए पात्र हैं। हालांकि, एक बार पुरस्कृत शिक्षक इस पुरस्कार के लिए दोबारा पात्र नहीं होगा।

शिक्षक पुरस्कार के लिए 4 स्तर शामिल होंगे, जिसमें पिछले 10 सालो के दौरान शैक्षणिक उत्कृष्टता और सेवा रिकॉर्ड, पाठ्येतर उपलब्धियाँ और समाज में योगदान, संस्थागत विकास में योगदान और शोध कार्य के आधार पर कुल 200 स्कोर में से शिक्षकों को स्कोर दिया जाएगा। 50 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले शिक्षक इस पुरस्कार के लिए पात्र होंगे।
[5:18 PM, 7/29/2024] Sandeep Upadhyay: वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत 1 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य: नायब सिंह सैनी

मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में वातानुकूलित अग्रसेन भवन का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री, सांसद नवीन जिंदल व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने की कुल 31 लाख अनुदान राशि देने की घोषणा

चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश के वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत 1 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को एक-एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए, यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मुख्यमंत्री रविवार को देर रात कुरुक्षेत्र में अग्रवाल धर्मशाला में श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत की तरफ से आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, सांसद श्री नवीन जिंदल, राज्यमंत्री श्री सुभाष सुधा ने श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत की तरफ से सेक्टर 8 में बनने वाले वातानुकूलित अग्रसेन भवन का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, सांसद व राज्यमंत्री ने कुल 31 लाख रुपए के अनुदान राशि देने की घोषणा की।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत करनाल में एक साथ 20 हजार और कुरुक्षेत्र में 5 हजार पौधे लगाए गए। प्रत्येक नागरिक को एक-एक पौधा लगाना चाहिए और पौधों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इस मुहिम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में केंद्र और प्रदेश सरकार ने लोगों की मूलभूत सुविधाओं के लिए कार्य किया। इतना ही नहीं केंद्र और प्रदेश सरकार लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस सरकार ने विकास कार्यों में कभी कमी नहीं आने दी। अभी हाल में ही दिल्ली में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्रियों से देश और प्रदेश के विकास के लिए लंबी चर्चा की है। इस चर्चा के बाद निश्चित ही विकास की गति और तेज होगी।

सांसद श्री नवीन जिंदल ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को पूरी दुनिया के लोग जानना और देखना चाहते हैं। इस धर्मस्थली को केंद्र और राज्य सरकार ने पर्यटन के हब के रूप में विकसित करने का काम किया है। कुरुक्षेत्र में श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत का अग्रसेन भवन आधुनिक डिजाइन के साथ तैयार किया जाएगा ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक और स्थानीय नागरिकों को भवन में उच्चस्तरीय सुविधाएं मिल सकें।

राज्यमंत्री श्री सुभाष सुधा ने मुख्यमंत्री का नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में स्वागत करते हुए कहा कि यह भवन निश्चित ही समाज के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने थानेसर हल्का के विकास पर पिछले 10 सालों में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

कार्यक्रम में श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत के प्रधान सतप्रकाश गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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