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November 24, 2024
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बल्क ड्रग पार्क में भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है कांग्रेस सरकार : जयराम ठाकुर

जब तक काम पूरा हो जाना चाहिए तो सुक्खू सरकार निर्माण की शर्तें तय कर रही है

प्रदेश में रोज़गार और राजस्व के बड़े स्रोत को राजनीति की भेंट चढ़ा रही है सरकार

पूर्व सरकार की लोकप्रिय योजनाओं के बाद बड़ी उपलब्धियों पर सरकार की नज़र टेढ़ी

शिमला: नेता प्रतिपक्ष ने शिमला से जारी बयान में कहा कि सुक्खू सरकार बल्क ड्रग पार्क में भी सरकार भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। इससे प्रदेश का बहुत बड़ा नुक़सान होगा। सुक्खू सरकारकेंद्र सरकार द्वारा बल्क ड्रग पार्क के विकास के लिए दी गई ₹30 करोड़ की धनराशि वापस करने जा रही है। अब सरकार ख़ुद की नियम शर्ते बनाएगी। जिससे अपने लोगों को ही लाभ पहुंचा सके। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को दिए गये बल्क ड्रग पार्क प्री-बिडिंग शर्तों में बदलाव करने की बात की जा रही है। यह सब कुछ सिर्फ़ कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने और इस प्रोजैक्ट में अड़ंगा लगाने किए हो रहा है। औद्योगिक परियोजनाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन सुक्खू सरकार की प्राथमिकता ऐसे प्रोजेक्ट में अड़ंगा लगाने की रही है। अब सरकार बल्क ड्रग पार्क के विकास को प्रभावित करने के हथकंडे अपना रही है। जिससे पूर्व की भाजपा सरकार की इस बड़ी उपलब्धि को धूमिल किया जा सके। बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइसेज पार्क के साथ सरकार वही कर रही है जो पूर्व सरकार की लोकप्रिय हिमकेयर, सहारा, स्वावलंबन, प्राकृतिक खेती जैसी योजनाओं के साथ किया। जिससे यह प्रोजैक्ट्स किसी हाल में पूरा न होने पाएं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं को कोई रोज़गार नहीं दे रही है और न ही रोज़गार देने वाली योजनाओं को परवान चढ़ा रही है। अगर बालक ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइसेज पार्क बन जाता तो ₹50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का निवेश प्रदेश में आता और तीस हज़ार युवाओं को प्रत्यक्ष रोज़गार मिलता और उससे ज़्यादा अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होते। प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होती। कर संग्रहण में वृद्धि होती। हिमाचल के ख़ुशहाली का मार्ग प्रशस्त होता। लेकिन सरकार इन दोनों परियोजनाओं में अड़ंगा लगाने के हर संभव प्रयास कर रही है।  सरकार को बने डेढ़ साल हो गये लेकिन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाएं सरकार की प्राथमिकता में नहीं रही। जिसके कारण निर्माण कार्य न के बराबर हुआ। डेढ़ साल बाद सरकार को प्री-बिडिंग की शर्तों में बदलाव करने और केंद्र की सहायता लौटाने की याद आई। जबकि तकनीकी रूप से यह बहुत जटिल है। सरकार के इस फ़ैसले की तकनीकी की वजह से अब यह दोनों प्रोजैक्ट्स में और देरी होगी। सरकार का यह फ़ैसला किसी भी तरह प्रदेश के हित में नहीं है। सरकार में जमा लोग इसमें अपना अपना हित देख रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे प्रोजैक्ट्स प्रदेश के आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ होती है। जिनसे रोज़गार के साधन के साथ साथ राजस्व की प्राप्ति भी होती है। प्रदेश के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र का विकास भी होता है। विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं। सरकार को ऐसे मामलों में राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। जिससे भविष्य में भी ऐसे प्रोजैक्ट्स प्रदेश को मिलते रहे और निवेशक आते रहें। सरकार जल्दी से जल्दी बल्क ड्रग पार्क के काम को पूरा करे, जिससे वहां दवाओंऔर ज़रूरी रसायनों का उत्पादन शुरू हो सके और प्रदेश को इस परियोजना का अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

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