चम्बा के भरमौर के पद्मश्री मुसाफिर राम का 105 वर्ष की आयु में निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
भरमौर से संबंध रखने वाले पद्मश्री से नवाजे मुसाफिर राम भारद्वाज का 105 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर है।
तत्कालीन राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री ग्रहण करते मुसाफिर राम
जनजातीय क्षेत्र भरमौर से संबंध रखने वाले पद्मश्री से नवाजे मुसाफिर राम भारद्वाज का 105 साल की उम्र में निधन हो गया। पारंपरिक वाद्य यंत्र ‘पौण माता’ के प्रसिद्ध वादक मुसाफिर राम ने शुक्रवार रात 8 बजे अपने गांव पतरालुआं, तहसील धारकलां, दुनेरा (पठानकोट) स्थित आवास में अंतिम सांस ली
पद्मश्री मुसाफिर राम भारद्वाज के भतीजे सेवानिवृत्त प्रिंसिपल प्रकाश भारद्वाज ने बताया कि पद्मश्री मुसाफिर कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ पतरालुआं स्थित श्मशानघाट में किया गया। मुसाफिर राम का जन्म 1930 में भरमौर के सचुईं गांव में दीवाना राम के घर हुआ था। उन्होंने 13 वर्ष की आयु में पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाना सीख लिया था। यह वाद्य यंत्र तांबे के ढांचे पर भेड़ की खाल से बनाया जाता है।
मुसाफिर राम ने अपने इस हुनर से देश और विदेश में नाम कमाया।