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हिमाचल हाईकोर्ट ने हटाए छह CPS, नियुक्ति का कानून भी किया रद्द

हिमाचल हाईकोर्ट ने हटाए छह CPS, नियुक्ति का कानून भी किया रद्द

हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार में नियुक्त छह मुख्य संसदीय सचिवों को हटाने के आदेश दिए हैं। सीपीएस के पद पर कांग्रेस विधायकों किशोरी लाल बैजनाथ कांगड़ा, राम कुमार दून सोलन, मोहन लाल बराग़टा रोहड़ू शिमला, आशीष बुटेल पालमपुर कांगड़ा, सुंदर सिंह ठाकुर कुल्लू और संजय अवस्थी अर्की सोलन की नियुक्ति जनवरी 2023 में की गई थी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश विपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। फैसले में कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पार्लियामेंट्री सेक्रेट्रीज एक्ट 2006 को भी रद्द कर दिया और कहा कि विधानसभा कि इस तरह का कानून बनाने की शक्ति ही नहीं है
हाईकोर्ट ने कहा कि सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति अवैध और संवैधानिक है, इसलिए इसे निरस्त किया जाता है। उनका इस पद पर रहना भी इलीगल और संवैधानिक है, जिसकी अनुमति कानूनी तौर पर नहीं दी जा सकती, इसलिए फैसले के दिन से ही सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को इस पद से हटाया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ कर दिया है कि इन सभी 6 सीपीएस को हिमाचल प्रदेश लेजिसलेटिव असेंबली मेंबर्स (रिमूवल ऑफ डिसक्वालीफिकेशन) एक्ट 1971 की धारा 3(डी) के तहत कोई प्रोटेक्शन नहीं मिलेगी यानी इस एक्ट के तहत ये विधायक यह क्लेम अब नहीं कर सकते कि इन्होंने ऑफिस और प्रॉफिट का लाभ नहीं लिया। इसीलिए इसके कानूनन और नेचुरल कंसीक्वेंसेज भी अब इन्हें झेलने होंगे।
कोर्ट ने इस केस में पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल को कहा है कि इस जजमेंट के बारे में मुख्य सचिव को बताया जाए ताकि इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जा सके। इस केस में कल्पना देवी और भाजपा विधायक सतपाल सिंह सती याचिका करता थे, जिन्होंने सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी थी

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