हिमाचल में सूखे की मार, 46 दिन से बारिश का इंतजार, किसानों की बढ़ी दिक्कत
अक्तूबर और नवंबर में 98 फीसदी कम बरसे बादल, किसानों की बढ़ी दिक्कतें
मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद शुक्रवार को मौसम शुष्क बना रहा और इसके साथ ही प्रदेश में लगातार 46 दिन के सूखे का रिकार्ड भी बन गया है। हिमाचल में बीते डेढ़ महीने से प्रदेश में सूखे के हालात बने हुए हैं। मौसम विभाग ने बीते डेढ़ महीने में हुई बारिश का रिकार्ड सार्वजनिक किया है। इसमें छह जिलों में सूखे के हालात बने हुए हैं। इनमें बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौर और सोलन में बारिश नहीं हुई है। जबकि दो जिलों किन्नौर और लाहुल-स्पीति में 99 प्रतिशत, कांगड़ा में 95 प्रतिशत, मंडी में 89 प्रतिशत और ऊना में 61 फीसदी की कमी आंकी गई है। डेढ़ महीने में सूखे का असर 98 प्रतिशत है। यहां सामान्य तौर पर 16.6 एमएम बारिश होती है , जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
इस बार अभी तक बूंद भी नहीं गिरी है। कुल्लू में 11.4 मिमी, किन्नौर में 6.8 एमएम, मंडी में 5.7, शिमला में छह एमएम, बिलासपुर में 4.7, हमीरपुर में 3.3, कांगड़ा में 4.9, लाहुल और स्पीति में 7.9, सिरमौर में 2.5, सोलन में 5.3 एमएम बारिश का रिकार्ड नवंबर महीने का है। लेकिन इस बार प्रदेश जबरदस्त सूखे के दौरे से गुजर रहा है और इसका बड़ा असर उन इलाकों में देखने को मिल रहा है, जहां खेतीबाड़ी पूरी तरह से मौसम पर आधारित है। मौसम विभाग ने कोहरे का असर बरकरार रहने की बात कही है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के दौरान 24 घंटे के दौरान बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने कोहरे का असर बरकरार रहने की बता कही है। बिलासपुर-हमीरपुर-मंडी जिलों में कोहरे को बड़ा असर देखने को मिलेगा।