काँगड़ा रेल पर भारी NHAI की जिद, अथॉरिटी ने ट्रैक के ऊपर पहाड़ी पर रखे बड़े पत्थर, नहीं चल पा रही ट्रेन
रानीताल में अथॉरिटी ने ट्रैक के ऊपर पहाड़ी पर रखे बड़े पत्थर, कांगड़ा से पठानकोट नहीं चल पा रही ट्रेन
पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। एनएचएआई और रेलवे के बीच अड़ंगा फंसा होने की वजह से ट्रेन चल नहीं पाई है। कांगड़ा रेलवे स्टेशन से बैजनाथ तक तो ट्रेन चली, लेकिन कांगड़ा से पठानकोट ट्रेन नहीं पहुंच पाई। मिली जानकारी के अनुसार एनएचएआई द्वारा किमी 84.8.9 पर रेलवे ट्रैक के नजदीक रानीताल के ऊपर भारी पत्थर रख दिए हैं। रेलवे के बार-बार अनुरोध के बावजूद एनएचएआई ने इन खतरनाक चट्टानों को अभी तक नहीं हटाया है। माना जा रहा है कि ये चलती ट्रेनों पर गिर सकती हैं। लोगों का कहना है कि इस सारे ट्रैक को दुरुस्त कर इसे सुचारू किया जाए और इन खतरा बनी हुई चट्टानों को भी हटाया जाए। इस रूट पर अधिकांश ग्रामीण रेलवे पर ही निर्भर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ 100 मीटर ट्रैक को ही दुरुस्त करना है अगर वह ठीक हो तो कांगड़ा से नूरपुर ट्रेन को चालू किया जा सकता है। इस मसले को सांसद राजीव भारद्वाज ने भी संसद में उठाया कि नूरपुर से कांगड़ा तक रेल की बहाली हो, क्योंकि यह रेलवे ट्रैक पिछले तीन-चार महीने से बंद पड़ा है। चक्की पुल का कार्य भी मार्च तक कंप्लीट करने की बात की जा रही है, पर कार्य की गति धीमी है ।
तीन महीने बाद भी नहीं सुधरे हालात
बरसात में रानीताल के पास फोरलेन के काम के चलते रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा था, तीन महीने बाद भी इसे दुरुस्त नहीं किया गया है। ज्वालामुखी मंदिर (रानीताल) रेलवे स्टेशन से लेकर जसूर तक बस सुविधा कम होने पर यहां के लोग अधिकतर रेलगाड़ी में ही सफर करते हैं। माता के भक्त रानीताल रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं