PWD की हर टेंडर कॉस्ट का होगा ऑडिट, CM ने लोक निर्माण विभाग में भी किया व्यवस्था परिवर्तन का दावा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण विभाग में भी किया व्यवस्था परिवर्तन का दावा
पीडब्ल्यूडी की समीक्षा बैठक में मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अब पीडब्ल्यूडी में भी व्यवस्था परिवर्तन करने जा रही है। विभाग में टेंडर कॉस्ट का ऑडिट होगा। इसके अलावा भविष्य में सडक़ों की जानकारी ऐप पर उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने विभाग को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने टेंडर अवार्ड करने की समय सीमा कम करने के बाद अब पीडब्ल्यूडी के टेंडर का कॉस्ट ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इससे वास्तविक कॉस्ट पर टेंडर अवार्ड किए जा सकेंगे। इस व्यवस्था के माध्यम से टेंडर आबंटित होने के बाद राजस्व की बचत होने की संभावना रहेगी। गौरतलब है कि बीते साल राज्य सरकार ने टेंडर आबंटन को 60 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया था। इस व्यवस्था की वजह से टेंडर प्रक्रिया तेज हो गई थी। राज्य सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने में दस दिन की व्यवस्था की थी, जबकि आगामी बीस दिन में टेंडर लैटर अवार्ड किए जा रहे हैं। इस फैसले के बाद इसी साल फरवरी माह में नाबार्ड के तहत 62 प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया को रिकार्ड 30 दिन में पूरा किया गया था। 495 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट इस फैसले के बाद सबसे पहले शुरू हुए थे।
इस मौके पर पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि विभाग ऐप और टेंडर कॉस्ट का ऑडिट दोनों पर भविष्य में काम करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू को विभाग के कार्यों की जानकारी भी साझा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में सडक़ सुविधा प्रदान