1.75 लाख होगा डाक्टरों का स्टाइपेंड
एसआर, सुपर स्पेशलिस्ट के वजीफे में 50 से 170 प्रतिशत तक होगी वृद्धि
सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश, अगली कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा
हिमाचल प्रदेश में सीनियर रेजिडेंट, स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सुक्खू सरकार महत्त्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। अब तक कम वजीफा मिलने के कारण प्रदेश के डाक्टर इन पदों पर जाने से कतरा रहे थे, जिस कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस कमी को पूरा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। राज्य सरकार डाक्टरों के वजीफे में 50 से 170 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती है। राज्य सरकार की इस पहल से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। यह कदम डाक्टरों की कमी को भी दूर करेगा। मुख्यमंत्री इन डाक्टरों को मिलने वाले वजीफे में भारी-भरकम बढ़ोतरी कर प्रदेश में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को दूर करने का प्रयास करने जा रहे हैं, ताकि विशेषज्ञ डाक्टर प्रदेश में ही सेवाएं देने के लिए प्रेरित हों और इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिल सके। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं, जिस पर मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा हो सकती है।
सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों को वर्तमान में 60-65 हजार रुपए प्रति माह स्टाइपेंड यानी वजीफे के तौर पर दिए जाते हैं। इसे सीधे बढ़ाकर 170 प्रतिशत यानी 1.75 लाख रुपए किया जा सकता है। वहीं, सीनियर रेजिडेंट डाक्टरों और ट्यूटर स्पेशलिस्ट को 60-65 हजार रुपए प्रति माह वजीफ़ा दिया जाता है, जिसे 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर एक लाख रुपए किया जा सकता है। आरोप है