डल झील से डलहौजी के लिए बनेगा टूरिज्म कॉरिडोर, PWD ने मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजी योजना
44 करोड़ से होगा 128 किलोमीटर लंबे रोड का निर्माण, पीडब्ल्यूडी ने मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजी योजना
कांगड़ा घाटी संग चंबा के पर्यटक स्थलों को जोडऩे के लिए धर्मशाला के मकलोडगंज, नड्डी, डल झील से डलहौजी को 44 करोड़ से 128 किलोमीटर टूरिज्म कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग कांगड़ा की ओर से डीपीआर तैयार कर शिमला निदेशालय व सरकार को अप्रूवल के लिए भेज दी गई है। इससे पहले तक इस योजना को ‘धौलाधार एक्सप्रेस-वे’ के नाम से जाना जाता था, जो लंबे अरसे तक फाइलों में ही दफन रही, लेकिन अब इस योजना का नाम भी बदला गया है और प्रोपोजल की फाइलें भी एक्सप्रेस की तर्ज पर दौड़ती हुई नज़र आ रही हंै। अब मार्ग को ‘कांगड़ा वैली टूरिज्म कॉरिडोर डल लेक टू डलहौजी’ का नाम दिया गया है। इससे मकलोडगंज से घेरा-करेरी, रिडक़मार, बोह, दरीणी, सल्ली, सिंहुता संग दर्जनों अनछुए टूरिस्ट डेस्टिनेशन आपस में जुड़ पाएंगे। इससे प्रदेश सहित देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को कांगड़ा-चंबा के पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीण पर्यटक स्थलों से जुडऩे का मौका मिल पाएगा।
लोक निर्माण विभाग धर्मशाला व डलहौजी डिवीजन की ओर से ‘कांगड़ा वैली टूरिज्म कॉरिडोर डल लेक टू डलहौजी’ की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इसमें कुल 128 किलोमीटर लंबी सडक़ को 44 करोड़ से अपग्रेड किया जाएगा। इसमें महत्त्वपूर्ण बात यह है कि नड्डी से बरनेट-घेरा सडक़ मार्ग ही मात्र कच्चा है, जबकि अन्य सडक़ पहले से ही ग्रामीण परिवेश व पर्यटक स्थलों को जोडऩे के लिए उपलब्ध है। टूरिज्म कॉरिडोर नड्डी डल झील से बरनेहट, घेरा, करेरी, कुठारना, सल्ली, रिडक़मार, बोह व लाम तक कांगड़ा के तहत रहेगा, जबकि इसके बाद डलहौजी पीडब्ल्यूडी डिवीजन