नौतोड़ पर जल्द फैसला नहीं तो लोगों संग सडक़ पर उतरेंगे
गवर्नर के खिलाफ उतरे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी
बोले, नौतोड़ से पहले वन संरक्षण अधिनियम सस्पेंड करना जरूरी
हिमाचल सरकार की एक कैबिनेट मंत्री गवर्नर से नाराज चल रहे हैं। गुरुवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की यह नाराजगी मीडिया से बातचीत में भी बाहर आ गई। मंत्री किन्नौर में लोगों को दी जाने वाली नौतोड़ की जमीन पर फैसला न होने से गुस्सा हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा है कि यदि किन्नौर में नौतोड़ आबंटन को लेकर राजभवन से जल्दी फैसला नहीं हुआ, तो मजबूरन लोगों को सडक़ों पर उतरना पड़ेगा। कैबिनेट से प्रस्ताव पारित करने के बाद राजभवन भेजा गया है, ताकि राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद-5 के तहत फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट को सस्पेंड करें। इसके बाद राज्य सरकार नौतोड़ का आबंटन लोगों को कर सकेगी। प्रदेश के ट्राइबल क्षेत्र में 20,000 के आसपास आवेदन लंबित पड़े हैं, जिन पर फैसला नहीं हो पा रहा।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी तीन बार यह एक्ट सस्पेंड हो चुका है। 2014 में इसे सबसे पहले सस्पेंड किया गया था और उसके बाद किन्नौर में अनडिमार्केटेड फॉरेस्ट से ऐसे लोगों को भूमि का आबंटन होना है, जिनके पास 20 बीघा से कम जमीन है। मंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में किन्नौर कांग्रेस के बैनर तले आंदोलन करने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे सस्पेंड करवाया था, लेकिन कोई भी केस नौतोड़ का क्लियर नहीं हुआ। राज्य में कांग्रेस की वर्तमान सरकार बनने के बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर राजभवन कैसे भेजा गया था। मंत्री ने कहा कि वह पांच बार खुद राज्यपाल से मिल चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इसलिए अब सडक़ों पर उतरकर शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करना पड़ेगा।