बेटियों को Martial Arts ट्रेनिंग जरूरी, स्कूलों में विषय के रूप में शामिल करने की जरूर
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में स्वास्थ्य मंत्री ने रखे विचार
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा है कि सभी बेटियों को मार्शल आट्र्स की ट्रेनिंग हासिल करनी चाहिए, ताकि मुश्किल के समय वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में भी इस विषय को अनिवार्य बनाए जाने की जरूरत है। कर्नल धनीराम शांडिल बुधवार को शिमला में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर विशेष अभियान का भी आगाज किया। यह अभियान आठ मार्च तक चलेगा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान कांग्रेस की सरकार ने शुरू किया था। मुख्यमंत्री सुक्खू ने जब प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली तो अपने कार्यालय में जाने से पहले वह टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम गए और वहां रहने वाली बेटियों को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार अब से उनके माता-पिता का दायित्व निभाते हुए उनकी हर जरूरत का ख्याल रखेगी।
इसी सोच के प्रतिफल के रूप में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का उदय हुआ जिसके तहत राज्य सरकार ने छह हजार निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। इस अवसर पर निदेशक डब्ल्यूसीडी गंधर्व राठौर और जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल ने अपने विचार साझा किए। निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गंधर्व राठौर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना के तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से 1500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं।
छात्राओं और महिलाओं को सम्मान