देश का नया बजट पेश होने में कुछ दिनों का इंतजार है
आर्थिक सुस्ती के संकेतों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी। इससे पहले विशेषज्ञों और टैक्सपेयर्स ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं, जिसमें प्रमुख रूप से खपत बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में राहत देने की बात की गई है। उनका मानना है कि टैक्स का बोझ कम करने से लोगों के पास खर्च के लिए ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
ये हैं इन्वेस्टर्स और टैक्सपेयर्स की 10 प्रमुख मांगें
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
ओल्ड टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन अभी 50,000 रुपये है, जबकि नई रीजीम में यह 75,000 रुपये है। इसे और बढ़ाने की मांग की गई है।
10 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट
सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री किया जाए। वर्तमान में ओल्ड रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख और नई रीजीम में 3 लाख रुपये है।
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हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन में वृद्धि
सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन की सीमा बढ़ाई जाए। फिलहाल, 60 साल से कम उम्र के लिए 25,000 रुपये और 60 साल से अधिक उम्र के लिए 50,000 रुपये डिडक्शन मिलता है।
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) हटाया जाए
इन्वेस्टर्स चाहते हैं कि एसटीटी को पूरी तरह खत्म किया जाए। अगर यह संभव नहीं हो, तो कम से कम इसके रेट घटाए जाएं।
डेट म्यूचुअल फंड पर पुराने टैक्स नियम लागू हों
बजट 2023 में डेट म्यूचुअल फंड के टैक्स नियमों को बदला गया था। इन्वेस्टर्स चाहते हैं कि पुराने नियम बहाल किए जाएं।
नई टैक्स रीजीम में 25% का टैक्स स्लैब
सालाना 15-18 लाख रुपये इनकम वालों के लिए नई टैक्स रीजीम में 25% का टैक्स स्लैब पेश करने की मांग की गई है।
टैक्स-सेविंग एफडी का लॉक-इन पीरियड घटाया जाए
बैंक की टैक्स-सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के लॉक-इन पीरियड को 5 साल से घटाकर 3 साल किया जाए।
पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइलिंग से छूट
ऐसे पेंशनर्स जिन्हें सिर्फ पेंशन और इंटरेस्ट से इनकम होती है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट दी जाए।
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एनपीएस की पेंशन पर टैक्स छूट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से मिलने वाली एन्युटी पेंशन को टैक्स से मुक्त करने की मांग की गई है। इससे रिटायरमेंट के बाद पेंशन पर निर्भर रहने वालों को राहत मिलेगी।
प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन फिर से शुरू हो
प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के लिए इंडेक्सेशन लाभ को फिर से लागू करने की मांग की गई है।
इन मांगों को पूरा करके सरकार न केवल टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है, बल्कि कंजम्प्शन और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को गति दे सकती है।
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Nation News Desk
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