ड्राइविंग स्कूलों में ही बन जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
केंद्र की नई योजना में करवाना होगा पंजीकरण; सभी सुविधाओं से लैस सेंटर को सबसिडी भी देगी सरकार, हिमाचल में जल्द मिलेगी बड़ी सुविधा
आने वाले दिनों में ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए युवाओं को एमवीआई के पास नहीं जाना होगा और न ही आरटीओ के चक्कर काटने होंगे। जिन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में युवा गाड़ी सीखेंगे, वही उनका लाइसेंस भी बनाकर देंगे। इसके लिए उनको अधिकृत किया जाएगा, जो टेस्ट लेने के बाद आरटीओ को दस्तावेज भेजेंगे। ऑनलाइन ही वहां से हस्ताक्षरित लाइसेंस गाड़ी सीखने वालों को मिल जाएगा। भविष्य में प्रदेश में ऐसे कई ड्र्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे, जिनके पास केंद्रीय मंत्रालय की रजिस्ट्रेशन होगी और प्रदेश सरकार भी इनको मंजूरी प्रदान करेगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जो सेंटर होंगे, उनको केंद्रीय मंत्रालय से सबसिडी भी हासिल होगी। यह सबसिडी अधिकतम सात करोड़ रुपए तक की हो सकती है। इसमें चार वर्ग रहेंगे, जिसमें सबसे नीचे चौथे वर्ग में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल आएंंगे। इनको भी पंजीकृत किया जाएगा और वे भी ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए अधिकृत होंगे। आने वाले समय में यह एक बड़ा प्रोजेक्ट प्रदेश में चलने वाला है, जिसको यहां पर लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को लिखा है। प्रदेश के परिवहन महकमे ने भी इसपर काम शुरू कर दिया है और जल्दी ही वह इसकी औपचारिकताओं को पूरा करके कंपनियों से आवेदन मांगेगा। कंपनियां यहां पर ऐसे टेस्टिंग स्कूल खोल सकती हैं, जिसमें केंद्र सरकार की सबसिडी भी हासिल होगी। अभी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए जिस तरह की माथापच्ची की जाती है, वो भविष्य में नहीं रहेगी और जहां पर युवा गाड़ी सीखेगा, वहीं पर लाइसेंस बनाने की भी व्यव