सोना तोड़ रहा बार-बार रिकॉर्ड, ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के पीछे ये हैं कारण
बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर 1.27 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं। यह उछाल अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और इस साल के अंत तक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों के बीच आया है। सोना इस वक्त 4,209 डॉलर प्रति औंस के नए पीक पर पहुंच गया है।
सोने के साथ-साथ हाजिर चांदी में भी तेजी देखी गई। मंगलवार को उतार-चढ़ाव के बावजूद चांदी का भाव 53.54 डॉलर प्रति औंस से ऊपर अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।
इस साल सोने ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। साल के पहले 10 महीनों में यह 50% से अधिक बढ़ा और रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल इस साल ही सोना तीस से अधिक बार अपने ऑल टाइम हाई स्तर तक पहुंच चुका है।
इतिहास में एक अनोखा दौर
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की यह तेजी कई कारणों से आई है।
सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की लगातार बढ़ती मांग
बीते तीन साल में वैश्विक केंद्रीय बैंकों की अंधाधुंध सोने की खरीदारी
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक व्यापार तनाव
अमेरिका-चीन के भू-राजनीतिक विवाद
सोने की मांग में 2010 के बाद से 15% का इजाफा हुआ है। भारत और चीन जैसे देश लगातार शुद्ध खरीदार बने हुए हैं, जो वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों को और ऊंचा ले जा रहे हैं।
आम आदमी की पहुंच से दूर होता सोना
भारत में 2010 के दशक में 10 ग्राम सोने के लिए लगभग 40,000-50,000 रुपए खर्च करने पड़ते थे
