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]]>Located in Chamoli district, the Valley of Flowers is a UNESCO World Heritage Site. Its beautiful alpine meadows, with hundreds of species of flowers blooming in the verdant forest, have long enchanted tourists. The valley is also home to a variety of birds and animals.
What makes the Valley of Flowers special, and what should you know before planning a trip here? We explain.What is the Valley of Flowers in Uttarakhand?
The Valley of Flowers is located within the Nanda Devi Biosphere Reserve, spread over an area of 87 sqkm. Nanda Devi, the second highest mountain in India (after Kangchenjunga), also holds religious significance, as Nanda is considered the patron goddess of Garhwal and Kumaon.“The gentle landscape of the Valley of Flowers National Park complements the rugged mountain wilderness of Nanda Devi National Park. Together they encompass a unique transition zone between the mountain ranges of the Zanskar and Great Himalaya, praised by mountaineers and botanists for over a century and in Hindu mythology for much longer,” UNESCO says about the site.
Flower species such as orchids, poppies, primulas, marigold, daisies and anemones can be found here. The valley also abounds in medicinal plants and herbs, and flowers with religious significance, such as the brahmakamal, offered to Nanda Devi. The valley has a variety of habitats, from foothills to alpine zones, from waterfalls and streams to forests, and is thus very rich in biodiversity.
“The trek to the valley offers eye-catching spectacles like cascading waterfalls and wild streams. Situated at an altitude of around 3,600 m above the sea level, the valley is also home to such rare and amazing wildlife species like the gray langur, the flying squirrel, the Himalayan weasel, and black bear, the red fox, the lime butterfly, the snow leopard,” the Uttarakhand tourism website says.
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]]>The post म्यांमार के बाद अब यहां आया 7.0 और 6.2 की तीव्रता का भूकंप appeared first on NationNews.
]]>सुवा। टोंगा में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। टोंगा के राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन कार्यालय (एनडीआरएमओ) ने कहा कि आज स्थानीय समयानुसार 01:18 बजे 7.0 तीव्रता वाले भूकंप में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। यू.एस. जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, आज स्थानीय समयानुसार 01:18 बजे टोंगा के हापाई द्वीप समूह में स्थित पंगई से 73 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में आए भूकंप की गहराई 29 किलोमीटर थी।
सुनामी की चेतावनी जारी होने के बाद टोंगा के लोगों को पहले ऊंचे स्थानों या अंदरूनी इलाकों में चले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन बाद में यू.एस. सुनामी चेतावनी केंद्र ने अलर्ट हटा लिया। यूएसजीएस ने कहा कि उसी क्षेत्र में भूकंप के बाद आए झटके की तीव्रता 6.2 मापी गई। एनडीआरएमओ ने कहा कि बाहरी द्वीपों और मुख्य द्वीप टोंगाटापु से अभी तक किसी नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, साथ ही कहा कि सुनामी की चेतावनी हटाए जाने के बाद अधिकांश लोग घर लौट आए हैं।
शिन्हुआ ने एक स्थानीय निवासी का हवाला देते हुये बताया कि राजधानी नुकु’आलोफा में भूकंप का तीव्र झटके महसूस किये गये, लेकिन इससे किसी घर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। टोंगा 173 द्वीपों से बना है, जिसकी जनसंख्या लगभग एक लाख है, जिनमें से अधिकांश लोग टोंगाटापु के मुख्य द्वीप पर रहते हैं, जो भूकंप के केंद्र से लगभग 100 किमी दूर है।
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]]>The post गूगल मैप ने फिर भटकाया… बिजली के खंभे से भिड़ी श्रद्धालुओं की कार; बेनीराम कटरा में दर्दनाक हादसा appeared first on NationNews.
]]>यूपी में एक बार फिर से गूगल मैप की वजह से श्रद्धालु भटक गए। एक कार बिजली के खंभे से भिड़ गई। श्रद्धालु बिहार से महाकुंभ जा रहे थे। सरायअकिल के बेनीराम कटरा में यह हादसा हुआ।
सैनी कोतवाली के निंदुरा के समीप हादसे में हुए
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक बार फिर गूगल मैप ने धोखा दे दिया। गूगल मैप की गड़बड़ी से महाकुंभ के श्रद्धालु रास्ता भटक कर कौशाम्बी आ गए। कोहरे में उनकी कार एक बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे में मामूली रूप से जख्मी श्रद्धालुओं को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
बाद में सभी दूसरे वाहन से कुंभ मेला क्षेत्र को चले गए। बिहार प्रांत के गया जिले के रहने वाले जगदंबिका पाल पत्नी व बेटे के साथ सोमवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान कर पुण्य की डुबकी लगाने महाकुंभ के लिए कार से निकले।
वह गूगल मैप के सहारे महाकुंभ जा रहे थे। प्रयागराज क्षेत्र के समीप अचानक गूगल मैप की वजह से वह रास्ता भटककर सरायअकिल आ गए। सोमवार रात करीब दो बजे घना कोहरा होने के कारण उनकी कार सरायअकिल के बेनीराम कटरा के पास सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे से भिड़ गई।
हादसे में कार क्षतिग्रस्त हो गई। जगदंबिका पाल व उनकी पत्नी को भी चोटें आईं। बेनीराम कटरा चौराहे पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने घायलों को एंबुलेंस से करारी पीएचसी पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार कराने के बाद तीनों लोग दूसरे वाहन से महाकुंभ के लिए रवाना हो गए।
टायर फटने से अनियंत्रित कार वैन से भिडी,10 श्रद्धालु जख्मी
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]]>The post इंडोनेशिया में माउंट इबू ज्वालामुखी फटा /Mount Ibu Volcano Erupts in Indonesia appeared first on NationNews.
]]>An eruption occurred at Mount Ibu in North Maluku.
The volcano, located in the West Halmahera Regency, released a column of ash that reached three kilometers into the sky.
As a result, a brown cloud drifted to the northwest of the volcano.
In 2023, 21,100 eruptions were recorded from the volcano, making it the second most active volcano in Indonesia after Mount Merapi.
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]]>The post ज्वालामुखी के प्रमुख प्रकार/Major Types of Volcanoes appeared first on NationNews.
]]>Shield Volcano: These have wide, gently sloping sides and are mostly made of basalt, making them the largest volcanoes in the world.
Examples: Mauna Loa, Mauna Kea (Hawaii) and Surtsey (Iceland)
Composite Volcano: These have steep, conical shapes, with layers formed over time by alternating eruptions of lava, ash, and tephra.
Examples: Mount St. Helens (USA), Mount Vesuvius (Italy), Mount Fuji (Japan), Mount Etna (Italy)
Volcanic Caldera: Formed after explosive eruptions, it causes the collapse of the ground above. The collapsed debris is called a volcanic caldera.
Examples: Crater Lake in Oregon and Yellowstone Caldera in the USA
Flood Basalt Province: Flood basalts are primarily composed of low-viscosity basaltic lava and are found in oceanic regions, particularly in the mid-ocean ridges.
Example: Deccan Traps
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]]>The post अर्थ रोटेशन डे (Earth’s Rotation Day) appeared first on NationNews.
]]> अर्थ रोटेशन डे (Earth’s Rotation Day)
पृथ्वी का घूर्णन दिवस
पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर 24 घंटे में पूरा कर लेती है और साथ ही 365 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हमारे सौरमंडल में सूर्य, पृथ्वी के परिभ्रमण (रोटेशन) को लेकर इंसान के मन में हजारों सालों से जिज्ञासा है, लेकिन Earth’s Rotation Day 8 जनवरी को मनाने के पीछे की भी एक किस्सा है।
दरअसल 8 जनवरी को फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकॉल्ट के उस प्रदर्शन को याद किया जाता है, जो उन्होंने साल 1851 में दिखाया था। लियाोन फौकॉल्ट ने 1851 में मॉडल के जरिए सबसे पहले यह दर्शाया था कि आखिर धरती अपनी धुरी पर कैसे घूमती है।
दार्शनिकों और वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में कई साल लग गए कि धरती सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। 470 ईसा पूर्व के आसपास कुछ यूनानी खगोलविदों ने यह जरूर खोज लिया था कि धरती अपनी आप से चलती है और इसे सिद्ध करने के लिए खगोलविदों ने कई प्रयोग भी किए थे। लेकिन तब यूनानी खगोलविदों को यह नहीं पता था कि धरती सूर्य के भी चक्कर लगाती है।
तमाम खोजों और निष्कर्षों के बाद 8 जनवरी 1851 को फ्रांसीसी भौतिकी विज्ञानी लियोन फौकाल्ट ने सबसे पहली बार एक पेंडुलम के साथ यह प्रदर्शन करके बताया कि आखिर धरती अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य के चारों ओर चक्कर किस तरह से लगाती है। बाद में लियोन के द्वारा बनाया गया पेंडुलम काफी प्रसिद्ध हो गया और धरती के परिभ्रमण को दिखाने के लिए उसी मॉडल का उपयोग किया जाने लगा।
बाद में लियोन के पेंडुलम मॉडल को पेरिस ऑब्जर्वेटरी के साथ-साथ ग्रीस में भी प्रदर्शित किया गया। आज भी दुनियाभर के कई खगोल विज्ञानी से संबंधित संग्रहालयों में इसे दिखाया जाता है। अर्थ रोटेशन डे का महत्व इसलिए है क्योंकि भौतिक विज्ञानी लियोन फौकाल्ट के उस मॉडल को बच्चों के बीच में ज्यादा पसंद किया जाता है। बच्चे भी इस मॉडल को देखकर खगोल विज्ञान के प्रति आकर्षित होते हैं।
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]]>The post Weather Update: यूपी में बारिश तो दिल्ली में ठंड! उत्तर भारत में बदलने वाला है मौसम का मिजाज, जानें कब से पड़ेगी सर्दी appeared first on NationNews.
]]>IMD Weather Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को देश भर के कई राज्यों में अगले सात दिनों तक शीत लहर चलने का अनुमान जताया है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली के कारण दक्षिणी भारत में भारी बारिश होने की संभावना है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी क्षेत्रों में शीत लहर, घना कोहरा और बर्फबारी होने की संभावना है.
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जो ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण से प्रभावित है. यह सिस्टम अगले 24 घंटों में और अधिक तीव्र हो सकता है और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए अंततः 11 दिसंबर तक तमिलनाडु और श्रीलंका के पास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम तक पहुँच सकता है.
क्यों बदलेगा मौसम का मिजाज?
पश्चिमी विक्षोभ उत्तर को प्रभावित कर रहा है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी हो रही है और उत्तरी मैदानी इलाकों और पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ है. राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी शीत लहर की स्थिति बनी रहने की संभावना है. तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में 10 से 13 दिसंबर तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि 12 दिसंबर को कुछ तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है.
इन राज्यों में बारिश, बर्फबारी और छाया रहेगा घना कोहरा
तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में 11 और 12 दिसंबर को ऐसी ही स्थिति देखने को मिल सकती है. केरल और माहे में भी 11 से 13 दिसंबर के बीच बारिश होने की संभावना है साथ ही कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 8 से 11 दिसंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी होगी. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 8 और 9 दिसंबर को हल्की बारिश हो सकती है. असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 9 दिसंबर तक देर रात और सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जबकि अगले कुछ दिनों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में भी ऐसी ही स्थिति रहने का अनुमान है.
हिमाचल प्रदेश में 10 से 12 दिसंबर तक सुबह में कोहरा छाया रहेगा. उत्तरी राजस्थान में 9 से 13 दिसंबर तक शीत लहर चलने की संभावना है और तापमान में काफी गिरावट आएगी.
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]]>The post पांच दिसंबर तक जारी रहेंगी पाबंदियां, प्रदूषण पर राज्यों के ढुलमुल रवैये से सुप्रीम कोर्ट नाखुश appeared first on NationNews.
]]>सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 को सही से लागू नहीं करने को लेकर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि हवा की गुणवत्ता के खतरनाक स्तर के बावजूद, ग्रैप-4 के तहत उल्लिखित उपायों के गंभीर क्रियान्वयन में कमी रही है, जो तब शुरू होता है जब वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर जाती है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 पाबंदियां गुरुवार, पांच दिसंबर तक लागू रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पहले देखना चाहता है कि प्रदूषण के स्तर में कितनी गिरावट आई है। ग्रैप-4 पाबंदियों के चलते निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित मजदूरों को मुआवजा देने में राज्यों के ढीले रवैये से कोर्ट नाखुश दिखा।
साथ ही दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई से जुडऩे को कहा। कोर्ट ने अपनी तरफ से नियुक्त कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट देख कर उनकी सुरक्षा पर चिंता जताई। कुछ कमिश्नरों ने बताया था कि दिल्ली के कई एंट्री प्वाइंट्स पर लाइट तक नहीं है। कुछ जगहों पर स्थानीय दबंग लोगों के ट्रक बेरोकटोक दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं। एक कोर्ट कमिश्नर को बाबा हरिदास नगर थाने के एसएचओ ने यह जानकारी दी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा।
आप चाहते हैं; हम सरकार चलाएं, हद है
दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के मुख्य सचिवों को आदेश का पालन नहीं करने को लेकर तलब किया
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]]>The post भूकंप के झटकों से दहला असम और जम्मू-कश्मीर, घरों से बाहर आए लोग; पढ़ें कितनी रही तीव्रता appeared first on NationNews.
]]>जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में आज सुबह भूकंप के झटके आए।
Earthquake in Assam and Jammu Kashmir जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में रविवार को भूकंप के झटके लगे। जम्मू में भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड रही वहीं असम में यह 4.2 मैग्नीट्यूड रही। डोडा जिले में सुबह 6.14 बजे रिक्टर पैमाने पर 4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप धरती की सतह से 15 किलोमीटर अंदर आया।
भूपंक के झटकों से एक बार फिर देश की धरती हिली है। जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में रविवार को भूकंप के झटके लगे। जम्मू में भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड रही वहीं असम में यह 4.2 मैग्नीट्यूड रही।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है, “डोडा जिले में सुबह 6.14 बजे रिक्टर पैमाने पर 4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप धरती की सतह से 15 किलोमीटर अंदर आया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। हालांकि, लोगों में दहशत की खबरें व्यापक रूप से फैली हुई हैं।
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]]>Chandigarh Sector 17 is a popular commercial and entertainment hub, known for:
Shopping centers like Neelam Cinema and Sahara Mall
Restaurants and cafes serving diverse cuisines
Nightlife with bars, pubs, and discos
Central Plaza for community events
Connectivity to major city areas
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