CM सुक्खू बोले, बिना समय सीमा के दिए बिजली प्रोजेक्ट लेंगे वापस
अंतरराष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रखी प्रदेश हित की बात
कहा, दुनिया भर में 35 से 40 साल तक के लिए ही दिए जाते हैं जल संसाधन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नदियों के जल के पर्याप्त दोहन से जल विद्युत उत्पादन की अपार क्षमताओं को देखते हुए हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में नवीकरणीय ऊर्जा दोहन का एक केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। प्रदेश के पास पानी ही एक मुख्य संसाधन है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जाने चाहिए थे, लेकिन उसमें भी कहीं न कहीं हमारे साथ अन्याय हुआ और हम पीछे रह गए। विश्व में जल संसाधनों के दोहन का लाइसेंस सामान्यत: 35 से 40 वर्ष तक की अवधि के लिए दिया जाता है, लेकिन शुरू-शुरू में हमारे जल संसाधनों को जल विद्युत परियोजनाएं लगाने के लिए हमेशा के लिए बिना समय सीमा दे दिया गया। ऐसी बहुत सारी परियोजनाएं हैं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश को वापस सौंपने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। ऐसी सभी परियोजनाओं को हिमाचल सरकार वापस लेगी और इसके लिए कानूनी राय ली जा रही है। सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी, ताकि आने वाली पीढिय़ों को इस विषय पर हमारी तरह संघर्ष न करना पड़े।
यदि जरूरत पड़ेगी, तो ऐसी सभी परियोजनाएं, जहां हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा गया, राज्य सरकार उनका निर्माण स्वयं करेगी। हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य ने विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए राष्ट्र हित में बहुत बड़ा योगदान दिया, परंतु इन पर बने बांधों से प्रदेश में काफी लोगों को विस्थापित भी होना पड़ा