CPS को बचाने के लिए सुक्खू सरकार ने उड़ाए करोड़ों रुपये, इन पैसों से हो सकते थे विकास के काम
खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें🙏 नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीपीएस मामले में सिर्फ लीगल फीस के रूप में सरकार लगभग दस करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर चुकी है और आगे भी यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है। मित्रों के हितों पर करोड़ों लुटाना किसी भी विजनरी मुख्यमंत्री का काम नहीं हो सकता है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुखिया हिमाचल के विकास और जनहित के बजाय सीपीएस बचाने में जीजान लगा रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा सीपीएस को हटाने के आदेश देने के बाद भी सरकार उन्हें बचाने की कोशिश में लगी है और प्रदेश के विकास में खर्च किए जा सकने वाला बजट वकीलों को हायर करने में खर्च किया जा रहा है। सरकार का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जिससे प्रदेश के संसाधन और ऊर्जा सरकार की जिद्द के कारण अन्यत्र बर्बाद हो रहे हैं। प्रदेश के हितों के बजाय मित्रों के हितों पर करोड़ों लुटाना किसी भी विजनरी मुख्यमंत्री का काम नहीं हो सकता है। प्रदेश में प्रशिक्षु डॉक्टर्स को चार-चार महीनें से स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है। वह लेक्चर थियेटर में पढ़ने और अस्पताल में मरीजों के इलाज करने के बजाय सड़कों पर धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार सारे काम रोक कर वकीलों की फीस भर रही है। इसी से सरकार की प्राथमिकता का पता चलता है कि सरकार के लिए प्रदेश का हित नहीं अपनी और मित्रों की कुर्सी है।
‘सरकार क्यों उड़ा रही है करोड़ों रुपये’
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब माननीय उच्च न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने और उनकी सभी सुविधाएं छीनने के