चंडीगढ़ में उगाही का काला खेल: मार्केट का हर इंच बिकाऊ, निगमकर्मी का बड़ा खुलासा
📰 चंडीगढ़ में उगाही का काला खेल: मार्केट का हर इंच बिकाऊ, निगमकर्मी का बड़ा खुलासा
कुलचे-चाट वालों से शुरू होता है खेल
सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की मार्केट्स में वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। यहां छोले-कुलचे की रेहड़ी लगाने वाले से 3500 रुपये और चाट बेचने वाले से 3000 रुपये तक वसूले जाते हैं।
निगमकर्मी का दावा – “मार्केट का हर कोना बिक चुका”
नगर निगम के इंफोर्समेंट विंग के कर्मचारी विकास ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सेक्टर-15, 22, 41 और 19 की मार्केट्स का इंच-इंच तक बिक चुका है।
टॉयलेट की दीवार तक किराए पर दी जाती है
पार्किंग और पेड़ों के नीचे तक जगह बेची जाती है
हर सुविधा के लिए तय रेट कार्ड बनाया गया है
वेंडरों के लिए बोली लगती है
जिन वेंडरों के पास लाइसेंस नहीं होता, उन्हें बैठाने के लिए बाकायदा बोली लगाई जाती है। जो सबसे ज्यादा रकम देने को तैयार होता है, उसी को जगह मिलती है।
इस काम को पूरा करने के लिए “कॉन्टैक्ट मैन” रखे जाते हैं, जो सीधे सौदा फाइनल करते हैं।
पैसे नहीं दिए तो चालान पर चालान
कर्मी विकास के अनुसार, यदि कोई वेंडर पैसे देने से मना कर दे, तो उसके खिलाफ लगातार चालान काट दिए जाते हैं। यही वसूली का सबसे बड़ा हथियार है।
सेक्टर-22 का रेट कार्ड
सेक्टर-22 में कपड़े का स्टैंड लगाने का रोजाना का रेट 200 रुपये है। छुट्टियों और रविवार को यह रकम और बढ़ जाती है।
सामान रखने की पेटी के लिए भी अलग से पैसे वसूले जाते हैं। कई वेंडर मजबूरी में भुगतान करते हैं, जबकि कुछ लालच में नियम तोड़कर पैसे देकर अतिरिक्त जगह घेरते हैं।
तबादला सिस्टम भी फेल
भ्रष्टाचार रोकने के लिए निगम हर तीन महीने बाद इंस्पेक्टरों का तबादला करता है, लेकिन इंस्पेक्टर अपने इलाके में वसूली की “लिस्ट” तैयार कर लेते हैं।
ट्रांसफर होते ही यह पूरी लिस्ट नए इंस्पेक्टर को सौंप दी जाती है, जिससे वसूली का धंधा बिना रुकावट चलता रहता है।
मामला पहुंचा पंजाब राजभवन तक
भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने इस घोटाले की शिकायत पंजाब राजभवन और यूटी सचिवालय में दी है। उन्होंने मांग की है कि जब पूरा विंग ही भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो इसे भंग करना ही एकमात्र समाधान है।
वसूली का रेट कार्ड (कर्मी विकास के अनुसार)
लाइसेंसी ढाबा वेंडर – ₹2000 से ₹4000
फ्रूट-जूस/चाय वाले (बिना लाइसेंस) – ₹3000 से ₹3500
मोमोज/स्प्रिंग रोल वाले (बिना लाइसेंस) – ₹2000 से ₹2500
ऑटोमोबाइल वाले (ज्यादा जगह घेरने पर) – ₹3000 से ₹5000
शोरूम मालिक (बाहर सामान रखने पर) – ₹5000 से ₹20,000
मेयर का बयान
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा—
“विकास द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच होगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। मैंने आयुक्त और संयुक्त आयुक्त से बात कर ली है। भ्रष्टाचार किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”