शिमला में ईडी की छापेमारी में खुलेंगे करोड़ों के राज – निवेशकों ने कहां से लगाए नगद में करोड़ों रुपए, लैपटॉप, डायरी से खुलेंगे राज
शिमला में ईडी की छापेमारी में खुलेंगे करोड़ों के राज – निवेशकों ने कहां से लगाए नगद में करोड़ों रुपए, लैपटॉप, डायरी से खुलेंगे राज
शिमला। शिमला से करीब 25 किलोमीटर दूर नालदेहरा में 100 एकड़ में बन रहे औरामाह वैली रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बड़ी कार्रवाई से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को शुरू हुई छापेमारी शनिवार को भी जारी रही और इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती के बीच ईडी ने प्रोजेक्ट से जुड़े कई अहम सबूत जुटाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छापेमारी के दौरान 25 से 29 करोड़ रुपए तक की भारी-भरकम नकदी बरामद की गई है। इसके अलावा विदेशी मुद्रा, लैपटॉप, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी ज़ब्त किए गए हैं। ईडी की प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस प्रोजेक्ट ने एनआरआई निवेशकों को करोड़ों के फ्लैट बेचे और संदिग्ध दस्तावेज़ों के आधार पर बैंक से भारी लोन भी हासिल किए।
सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर फ्लैट डील में फ्लैट की रजिस्ट्री वास्तविक कीमत से कम दिखाई गई और बाकी रकम बिल्डरों को नगद में दी गई। आशंका जताई जा रही है कि इन सौदों में काली कमाई का बड़ा हिस्सा लगाया गया है। 100 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट में लगभग 1,000 फ्लैट बनाने की योजना है, जिनकी कीमत 2 से 3 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
ईडी अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि निवेशकों के पास यह करोड़ों रुपए कहां से आए और क्या इस पैसे का संबंध किसी बड़े घोटाले या मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट से है। ज़ब्त की गई डायरी, दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइसों से कई बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
यह मामला प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और नियामकीय निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश की राजनीति और कारोबारी जगत में हलचल मच सकती है।