HRTC अब कागज के नहीं, प्लास्टिक कार्ड बनेंगे, टिकटिंग मशीन में दर्ज होगा हर यात्री का रिकार्ड
एचआरटीसी बंद करेगी कागजी कार्रवाई, टिकटिंग मशीन में दर्ज होगा हर यात्री का रिकार्ड
एचआरटीसी की बस में सफर करने वाले हरेक यात्री का रिकार्ड रहेगा। निगम के श्रेणी कर यात्रियों को अभी तक कागजी पास उपलब्ध करवाता रहा है, जिन्हें अब प्लास्टिक कार्ड दिया जाएगा, जिसे मशीन में स्वाइप करने की सुविधा होगी। रियायती पास व नि:शुल्क सफर करने वालों के लिए प्लास्टिक कार्ड ही इस्तेमाल होगा। नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) की तरह ही यह कार्ड होगा। इसे आरआईडीएफ नाम दिया गया है। परिचालकों के पास जो टिकटिंग मशीनें हैं, उसमें इसे स्कैन किया जाएगा। इससे पूरा डाटा निगम के पास आएगा कि बसों में कितने लोग रोजाना रियायती पास व नि:शुल्क सफर कर रहे हैं। जीरो टिकटिंग की जो व्यवस्था है, उसके तहत यह प्रावधान किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के निदेशक मंडल से इसे मंजूरी मिल चुकी है। इस महीने 20 तारीख को इस कार्ड को लांच करने की तैयारी चल रही है। हालांकि इसको लेकर अभी कुछ औपचारिक्ताएं बचती है जिसे निगम प्रबंधन पूरा करने में जुट गया है। निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम 1650 करोड़ के घाटे में है। निगम को घाटे से उबारने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। निगम का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। निगम प्रबंधन का कहना है कि इन कार्ड के बन जाने के बाद रोजाना कितने लोगों ने बसों में नि:शुल्क सफर किया, वे किस श्रेणी के थे, कितने छात्र थे, कितने कैंसर मरीज थे व कितने अन्य, इसका रिकार्ड आ जाएगा। निगम रियायती सफर के एवज में सरकार से ग्रांट लेता है। जब पूरा रिकार्ड होगा, तो ग्रांट उसके अनुसार ही मांगी जाएगी।