HRTC : घाटे वाले और रूट छोड़ेगा परिवहन निगम, उपमुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में हुआ फैसला
उपमुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में फैसला, पहले ही सरेंडर किए जा चुके हैं 275 रूट
हिमाचल पथ परिवहन निगम के घाटे के और रूट सरेंडर होंगे। डिप्टी चीफ मिनिस्टर मुकेश अग्रिहोत्री के साथ हुई एचआरटीसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सरेंडर किए जाने वाले और रूटों की सूची तैयार कर इसे कैबिनेट में लाने के लिए कहा गया है। अभी तक निगम ने जो रूट सरेंडर किए हैं, वेे पूरी तरह से प्राइवेट ऑपरेटरों को दिए नहीं जा सके हैं। इसके बाद अभी और रूटों को छोडऩे के लिए निगम तैयार हैं, क्योंकि इन रूट से उसका घाटा लगातार बढ़ रहा है। करीब एक साल पहले एचआरटीसी ने जो 107 बस रूट छोड़े थे, उनमें से 84 रूटों के लिए अब तक आवेदन आए हैं। इनमें से भी 54 रूटों को सोमवार को ही आबंटित किया गया है। लिहाजा समझा जा सकता है कि सरेंडर रूट देने की प्रक्रिया कितनी लंबी है। फिलहाल अभी कुल 275 रूट एचआरटीसी सरेंडर कर चुका है और उन सभी को आबंटित करने की प्रक्रिया अभी चल रही है, मगर अब कुछ और रूट जो घाटे के हैं, उनको चिन्हित कर कैबिनेट में मामला लाने के लिए कहा गया है। शिमला में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के साथ अधिकारियों की बैठक हुई है जिसमें इन घाटे के रूटों के अलावा भी कुछ और मुद्दों पर चर्चा हुई। अभी निगम ने 168 रूटों के लिए मामला परिवहन विभाग को भेजा है। निगम ऐसे रूटों को चिन्हित कर रहा है, जिन पर बस चलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
बैठक में एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर, परिवहन निदेशक डीसी नेगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में हर योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। एचआरटीसी का घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। उप मुख्यमंत्री ने निगम के प्रबंध निदेश