KCCB निदेशक मंडल में पहले से चल रही थी गड़बड़, लगातार हुए आर्थिक घोटाले
KCCB निदेशक मंडल में पहले से चल रही थी गड़बड़, लगातार हुए आर्थिक घोटाले
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित केसीसीबी में पहले से ही अनियमितताएं हो रही थीं। कांगड़ा वैली मुधमक्खी पालक को-ऑपरेटिव सोसायटी इच्छी (कांगड़ा) के संस्थापक एवं प्रधान प्रभात चौधरी ने उक्त गंभीर आरोप लगाए हैं। केसीसीबी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को अनियमितताओं के चलते भंग करने का सही फैसला हुआ है। बैंक में राजनीतिक हस्तक्षेप, भाई भतीजावाद व अन्य आर्थिक घोटालों का पर्दाफाश करते हुए नाबार्ड की इंस्पेक्शन रिपोर्ट का निर्णय बिल्कुल सही है। श्री चौधरी ने कहा कि कांगड़ा वैली मुधमक्खी पालक को-ऑपरेटिव सोसायटी वर्ष 1973 में पंजीकृत हुई थी, और बैंक की सदस्यता ली थी। सितंबर 2023 को केसीसी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के चुनाव में उन्हें भाग लेने से रोक दिया गया।
उस वक्त उन्होंने बैंक के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की, लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात को दरकिनार करते हुए चहेतों को चुनाव का अधिकार दे दिया और मनमर्जी से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन कर दिया गया। प्रभात चौधरी ने कहा कि पांच को-ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्यों ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के गठन की गलत प्रक्रिया की शिकायत रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी शिमला में अपील नंबर 09/2023 के माध्यम से न्याय हेतु प्रस्तुत किया, जो कि ज्वाइंट सेक्रेटरी की कोर्ट में सुनवाई हेतु विचाराधीन है।
प्रदेश सरकार से चुनाव रद्द करने की मांग
प्रभात चौधरी ने कहा कि वह व उनके चार अन्य साथी धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, नगरोटा बगवां के पूर्व विधायक अरुण मेहरा,