LC विवाद पर झुका चीन, अलग-अलग प्वाइंट्स पर गश्त करने पर दोनों देशों में बनी सहमति
52 महीने बाद लद्दाख में अलग-अलग प्वाइंट्स पर गश्त करने पर दोनों देशों में बनी सहमति
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 52 महीनों से चल रहा सीमा तनाव सुलझ गया है। दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर चली कवायद के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैन्य तनाव घटाने पर सहमति बन गई है। एलएसी पर अलग-अलग प्वाइंट्स पर गश्त की व्यवस्था की गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को इस समझौते की जानकारी दी। मिस्री ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे। सेना के अफसर भी बातचीत में शामिल थे। पेट्रोलिंग के नए सिस्टम पर सहमति के बाद दोनों देश सेनाएं पीछे हटा सकते हैं। एलएसी विवाद पर भारत और चीन के बीच हुए समझौते के तहत अब देपसांग और डेमचोक पर भारतीय सैनिक एक बार फिर से पेट्रोलिंग कर सकेंगे। इसके अलावा बाकी चार बफर प्वॉइंट पर भी पेट्रोलिंग शुरू होगी।
यहां सबसे पहले पैंगोग के फिंगर एरिया और गलवान के पीपी-14 से डिसइंगेजमेंट हुआ। इसके बाद गोगरा में पीपी-17 से चीनी सैनिक हटे और फिर हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से सैनिकों की वापसी हुई। अभी तक देपसांग और डेमचोक बफर जोन बने हुए थे, जिनमें न तो भारत के सैनिक पेट्रोलिंग कर रहे थे, न ही चीन के सैनिक। हालांकि अब इन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर भी फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है। इससे 2020 के गलवान जैसे टकराव को टाला जा सकता है। भारत-चीन के बीच एलएसी पर सीमा गश्त पर सहमति बनने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम कह सकते हैं कि चीन के साथ सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया