MBBS पेपर लीक का सनसनीखेज खुलासा: हरियाणा में घर पर लिखी गईं आंसरशीट, प्रति पेपर 30 हजार का खेल।
2024 में कम से कम तीन बार पेपर लीक हुए, प्रश्न पत्रों की तस्वीरें खींचकर व्हाट्सएप पर छात्रों को भेजीं। दूसरे बैच के छात्रों ने आरोपी के घर पर बैठकर आंसरशीट लिखीं, जिसके लिए उन्हें मोटी रकम मिली।
पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (UHSR) रोहतकमें हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले की परतें लगातार खुलती जा रही हैं। ताजा खुलासे के अनुसार इस रैकेट को चलाने के लिए साल 2024 में कम से कम तीन बार प्रश्न पत्र लीक किए गए थे। यह गोरखधंधा कथित तौर पर विश्वविद्यालय के अंदरूनी लोगों और छात्रों के गठजोड़ से संचालित किया जा रहा था।
पूछताछ में फूटा बम, तीन बार लीक हुए पेपर
सूत्रों की मानें तो यह चौंकाने वाला खुलासा इस मामले के एक प्रमुख आरोपी से पूछताछ के दौरान हुआ है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि 15, 17 और 19 मई को आयोजित एमबीबीएस परीक्षाओं के प्रश्न पत्र एक निरीक्षक द्वारा लीक किए गए थे। इस निरीक्षक ने प्रश्न पत्रों की तस्वीरें अपने मोबाइल फोन से खींची और उन्हें अपने साथियों के साथ साझा किया था।
व्हाट्सएप पर भेजी गईं लीक तस्वीरें
लीक हुई प्रश्न पत्रों की ये तस्वीरें दूसरे बैच के एमबीबीएस छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी गईं। बदले में, इन छात्रों को मोटी रकम के लालच में मूल परीक्षार्थियों के लिए उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखने का काम सौंपा गया था।
आरोपी के घर पर लिखी गईं फर्जी आंसरशीट
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि तीनों दिन इन छात्रों ने आरोपी के घर पर बैठकर उत्तर पुस्तिकाएं पूरी कीं। उनमें से दो छात्रों ने अलग-अलग उम्मीदवारों के नाम पर छह-छह उत्तर पुस्तिकाएं लिखीं। वहीं, एक अन्य छात्र ने चार और चौथे छात्र ने तीन उत्तर पुस्तिकाएं तैयार कीं। इसके बाद, विश्वविद्यालय की गोपनीयता शाखा में मौजूद अपने संपर्कों की मदद से इन जाली उत्तर पुस्तिकाओं को मूल उत्तर पुस्तिकाओं के साथ कथित तौर पर बदल दिया गया।
हर पेपर लीक के मिले 30 हजार
जांच में यह भी सामने आया है कि खाली उत्तर पुस्तिकाएं हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती किए गए सहायक स्तर के एक यूएचएसआर कर्मचारी द्वारा प्राप्त की गई थीं। कथित तौर पर पेपर लीक करने वाले निरीक्षक ने हर पेपर लीक करने के लिए 30,000 रुपये लिए थे। इस पूरे खेल के मुख्य आरोपी ने छात्रों से प्रति विषय 3 लाख रुपये वसूले थे, जिसमें नकली उत्तर पुस्तिकाएं लिखना और उन्हें जमा करना शामिल था।
कार्रवाई के घेरे से बाहर निरीक्षक
सूत्र ने हैरानी जताते हुए कहा कि पुलिस पूछताछ के दौरान निरीक्षक का नाम सामने आने के बावजूद अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, आरोपियों ने कई अन्य विश्वविद्यालय अधिकारियों के नाम भी लिए हैं, लेकिन इस घोटाले के सिलसिले में उनसे भी अभी तक कोई पूछताछ नहीं की गई है।
पुलिस जांच के बाद होगी सख्त कार्रवाई
यूएचएसआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि चूंकि यह पूरा मामला पुलिस जांच के अधीन है, इसलिए कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई जांच के निष्कर्षों पर निर्भर करेगी। अगर गिरफ्तारियां होती हैं और ठोस सबूत पेश किए जाते हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि इस मामले के सिलसिले में पहले ही दो नियमित कर्मचारियों और कई आउटसोर्स कर्मचारियों को उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है। जनवरी में उजागर हुए इस बड़े परीक्षा घोटाले में अब तक 41 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें 24 एमबीबीएस छात्र और 17 कर्मचारी शामिल हैं। इस नए खुलासे ने घोटाले की जड़ों को और गहरा कर दिया है, और देखना होगा कि पुलिस की जांच आगे क्या मोड़ लेती है।