भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रहे मुख्यमंत्री सुक्खू
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रहे मुख्यमंत्री सुक्खू, भ्रष्टाचारी रचने लगे कमजोर करने की साजिश
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनीति के मजबूत खिलाड़ी, विरोधियों के मंसूबे नहीं होंगे पूरे
शिमला. संघर्ष की राजनीति करते मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश की जनता से किए गए ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के वायदे के साथ सत्ता में आए हैं। प्रदेश में सत्ता की कमान संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री ने साफ किया कि वह व्यवस्था परिवर्तन के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर काम करेंगे। अपने वायदे के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों, अधिकारियों को सीधा संदेश दिया कि सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर काम करें। सरकार में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के लिए शासन तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने काम मुश्किल जरुर है लेकिन असंभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के संकल्प के साथ काम करना शुरु किया। लंबे सियासी जीवन में सुक्खू समझते है कि सरकारी तंत्र में कहां भ्रष्टाचार होता है। अपने अनुभव के आधार पर सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के सभी दरवाजे बंद करने का प्रयास किया। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के चुनौती भरे कार्य में मुख्यमंत्री को अपने सत्ताधारी साथियों और राजनैतिक विरोधियों के विरोध का सामना करना पड़ा। सत्ता में बैठकर भ्रष्टाचार कर करोड़ों कमाने का सपना देखने वाले नेताओं के सपनो पर ग्रहण लग गया। जिससे अब अपने और पराए सभी नेता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को कमजोर करने की साजिशें रचने लगे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। अपने शासन काल में बेदाग होकर राजनीति करने वाले सुक्खू के ऊपर कोई दाग लगना असंभव है। जिससे तय है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को कमजोर करने की साजिश रचने वालों के मंसूबे कभी पूरे होने वाले नहीं है। राजनीति के बड़े खिलाड़ी ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राजनैतिक रुप से बहुत मजबूत हैं। वह अपनी ईमानदारी से भरे चरित्र के चलते कड़े फैसले लेते हैं और अपने संकल्प को पूरा करते हुए जनहित में निर्णय लेकर कार्य कर रहे हैं।