हिमाचल की 38 और देशभर की 94 दवाएं फेल – ड्रग विभाग सख्त, नोटिस जारी कर स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश
हिमाचल की 38 और देशभर की 94 दवाएं फेल – ड्रग विभाग सख्त, नोटिस जारी कर स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश
📖 स्टोरी:
हिमाचल प्रदेश एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह चिंता बढ़ाने वाली है। अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हिमाचल में निर्मित 38 दवाओं समेत देशभर की 94 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गई हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल एसिडिटी, बुखार, पेट के अल्सर, हृदय रोग, हाई बीपी, आर्थराइटिस, सूजन और संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने जानकारी दी कि जिन उद्योगों की दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं, उन्हें तुरंत नोटिस जारी कर संबंधित बैच बाजार से वापस मंगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, विभाग ने यह भी साफ किया कि जिन कंपनियों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उनके लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
🧪 कौन सी दवाएं फेल हुईं?
बद्दी स्थित सिग्मा साफ्टजैल एंड फार्मूलेशन में बना ओमेगा-3 फैटी एसिड कैप्सूल (दिल की बीमारी में उपयोग)
सिरमौर जिले की इंटीग्रेटिड लैबोरेट्री में बना डेक्सामेधासोन सोडियम फास्फेट इंजेक्शन (आर्थराइटिस में प्रयोग)
पांवटा साहिब की लैबोरेट्री में बना एमिकासिन सल्फेट इंजेक्शन (मूत्र संक्रमण में प्रयोग)
नालागढ़ स्थित सीबी हेल्थकेयर में बने ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड कैप्सूल (दर्द निवारक)
बद्दी के झाड़माजरी स्थित स्माइलैक्स हेल्थकेयर में बने आयरन एंड फॉलिक एसिड सिरप के 5 सैंपल (जिनकी एक्सपायरी जुलाई 2025 से जून 2027 तक है)
इसके अलावा पैरासीटामोल, ट्रामाडोल, विटामिन सिरप, एसिडिटी और खांसी-जुकाम की दवाओं के भी कई सैंपल फेल पाए गए हैं।
🏭 उद्योगों पर बढ़ेगी सख्ती
ड्रग विभाग ने साफ किया है कि यह सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बार-बार मानकों पर फेल होने वाले उद्योगों की जांच होगी और जरूरत पड़ने पर उनके उत्पादन लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे।
🔎 उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की सलाह
विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी खरीदी गई दवाओं के बैच नंबर चेक करें और अगर उनकी दवा इस सूची में आती है तो उसे तुरंत प्रयोग में लेना बंद करें।
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हिमाचल की 38 और देश की 94 दवाएं फेल | ड्रग विभाग ने नोटिस जारी कर स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश
📝 डिस्क्रिप्शन:
हिमाचल प्रदेश में बनी 38 और देश की 94 दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल। ड्रग विभाग ने कंपनियों को नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगाने के आदेश दिए। लगातार फेल हो रही कंपनियों के लाइसेंस रद्द होंगे।