सरकार में कन्फ्यूजन या चुनाव से भागने की साजिश?”: जयराम ठाकुर ने पंचायत चुनाव पर सुक्खू सरकार को घेरा
“सरकार में कन्फ्यूजन या चुनाव से भागने की साजिश?”: जयराम ठाकुर ने पंचायत चुनाव पर सुक्खू सरकार को घेरा
शिमला: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार के भीतर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, मुख्य सचिव और उपायुक्तों के विरोधाभासी बयानों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “सीएम, मंत्री, सीएस, डीसी सब मिल पहले तय कर लें कि पंचायत चुनाव कब करवाने हैं।”
लीक चिट्ठी ने खोली सरकार की पोल?
शिमला से जारी एक बयान में जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव टालने की मंशा से उपायुक्तों पर दबाव डालकर पत्र लिखवा रही है। उन्होंने कहा, “चुनाव टालने के लिए सरकार द्वारा बाकायदा जिला उपायुक्तों से कहकर ऐसी चिट्ठी लिखवाई गई, जिसे आधार बनाकर सरकार चुनाव टाल सके। लेकिन मंदिरों से पैसा वसूलने जैसे फैसलों की तरह इस बार भी सरकार की चिट्ठी लीक हो गई।” उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी के सामने आने के बाद सरकार बचाव की मुद्रा में है और लोगों को बरगला रही है।
आपदा राहत पर सरकार की नीयत और नीति साफ नहीं
जयराम ठाकुर ने उपायुक्तों द्वारा लिखे गए पत्र को सरकार का “चिट्ठा” बताते हुए कहा कि इससे आपदा राहत को लेकर सरकार की निष्क्रियता उजागर हो गई है। उन्होंने कहा, “इस चिट्ठी का लब्बोलुआब यह है कि आपदा के बाद से अब तक लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कोई काम नहीं किया। एक भी सड़क पूर्णतया नहीं खोली जा सकी है और किसी भी प्रकार का पुनर्वासन कार्य अभी तक नहीं हो पाया है।”
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सर्दियों का मौसम सिर पर है और लोग बेघर हैं, लेकिन सरकार चुनाव अनिश्चितकाल के लिए टालकर यह संकेत दे रही है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र से मिल रही आर्थिक मदद को सरकार आपदा प्रभावितों पर खर्च करने की बजाय अपनी “मित्र मंडली” पर खर्च कर रही है।
“कहती कुछ है, करती कुछ है”: गारंटियों पर भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री ने सुक्खू सरकार को “झूठ के सहारे नैया पार करने वाली सरकार” बताते हुए कहा कि यह प्रदेश की इकलौती सरकार है जो कहती कुछ है और करती कुछ और है। उन्होंने कांग्रेस की 10 गारंटियों का जिक्र करते हुए कहा, “इनके गुमराह करने का सिलसिला विधानसभा आम चुनाव से शुरू होता है। फ्री बिजली, महिलाओं को ₹1500, बागवानों को मनमाफिक दाम जैसे न जाने कितने दिवा स्वप्न दिखाए गए और अब मुख्यमंत्री सत्ता में आकर इसके उल्टे काम कर रहे हैं।”
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अपने क्रियाकलापों से प्रदेशवासियों के बीच भरोसे का संकट पैदा कर दिया है। उन्होंने सवाल किया कि यदि चुनाव समय पर ही करवाने हैं तो दो-ढाई महीने पहले ही डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का हवाला देकर चुनाव टालने की कोशिश क्यों की जा रही है? उन्होंने इसे सरकार की चुनाव से भागने की रणनीति बताया।
