मोहाली: पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंत्री हरजोत बैंस और उनकी आईपीएस अधिकारी पत्नी ज्योति यादव के खिलाफ आरोपों और शिकायतकर्ता, साइबर क्राइम सेल इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मोहाली जिले की साइबर क्राइम इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने पंजाब डीजीपी को लिखे अपने पत्र में ‘100 करोड़ रुपये के साइबर घोटाले’ के आरोप लगाए हैं।
मोहाली जिले की साइबर क्राइम इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने पंजाब डीजीपी को लिखे अपने पत्र में ‘100 करोड़ रुपये के साइबर घोटाले’ के आरोप लगाए हैं।
पंजाब में साइबर घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी के मंत्री हरजोत बैंस और उनकी एसपी पत्नी ज्योति यादव तक तार जुड़ते जाने से खलबली मच गई है. दरअसल मोहाली की इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने आईजी के पास शिकायत दर्ज कराते हुए साइबर फ्रॉड में एसपी और उनके मंत्री पति पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं. मामला इसलिए ज्यादा गर्मा गया है क्योंकि इन्हीं मंत्रीजी का नाम एक मामले में सुसाइड नोट में भी सामने आया था.
मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसे आरोप लगाने वालों पर वो मानहानि का केस करेंगे. पूरा मामला त सामने आया जब साइबर क्राइम यूनिट में पदस्थ रही इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने पंजाब पुलिस महानिदेशक के पास शिकायत देते हुए बताया कि मोहाली से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर ने विदेशियों से सौ करोड़ की ठगी की है. अमनजोत ने जांच शुरू करते हुए विजय राय कपूरिया नाम के व्यक्ति को पकड़ा जो आप पार्टी के मंत्री हरजोत सिंह बैंस का करीबी है. अमनजोत के अनुसार मंत्री ही नहीं उनकी सुपरिटेंडेंट पुलिस पत्नी ज्योति यादव भी जाँच रोकने के लिए दबाव डाल रही हैं. अमनजोत का कहना है कि यादव के इशारे पर ही उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा भी दर्ज हुआ है. एसपी ज्योति यादव पर अमनजोत ने यह आरोप भी लगाया है कि इस मामले से पहले उन्होंने प्रोफेसर बलविंदर कौर की मौत के मामले में भी हस्तक्षेप करते हुए मामले को कमजोर किया था. प्रोफेसर बलविंदर कौर ने 1,158 सहायक प्रोफेसरों से जुड़े विवाद के बीच भारी दबाव में आत्महत्या करने से पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा था. उसमें हरजोत का नाम भी था.
अमनजोत का आरोप है कि पति को बचाने के लिए ज्योति यादव सक्रिय थीं. अमनजोत इसे राजनीतिक हस्तक्षेप और मिलीभगत का मामला बता रही हैं जबकि हरजोत ने सोशल मीडिया पर अमनजोत पर ही पलटवार किया है, उन्होंने लिखा है कि एक दागी अधिकारी द्वारा मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं. केजरीवाल के सिपाही बतौर ईमानदारी मेरा धर्म है. हम मानहानि का मुकदमा करने वाले हैं. हम किसी भी जाँच का स्वागत करते हैं.
साइबर क्राइम यूनिट में पहले काम कर चुकी इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने इस संबंध में पंजाब पुलिस के महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई है। पंजाब में एक बड़ा साइबर घोटाला सामने आया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री हरजोत बैंस और उनकी पत्नी पुलिस अधीक्षक (एसपी) ज्योति यादव के नाम कथित रूप से जुड़े हैं।
मामले में मोहाली की इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक को शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें साइबर फ्रॉड और उच्च स्तर की मिलीभगत के गंभीर आरोप हैं। इस बीच, पंजाब के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने एक्स पर आरोपों को खारिज किया है और कहा कि वो और उनकी पत्नी बेदाग हैं। वो इस मामले में मानहानि का केस करेंगे।
यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता माणिक गोयल ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर की है। पोस्ट के मुताबिक, साइबर क्राइम यूनिट में पहले काम कर चुकी इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने इस संबंध में पंजाब पुलिस के महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई है।
इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने अपनी शिकायत में कहा कि मोहाली के एक बेसमेंट से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर ने विदेशियों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठगी है। इस घोटाले की प्रारंभिक जाँच अमनजोत ने शुरू की थी, जिसमें विजय राय कपूरिया को गिरफ्तार किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि विजय राय कपूरिया का आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस से गहरा संबंध है। बैंस और कपूरिया दोनों ही नांगल के रहने वाले हैं। अमनजोत ने आरोप लगाया कि बैंस को इस घोटाले से पार्टी के लिए फंड भी प्राप्त हुआ होगा।
अमनजोत ने आरोप लगाया कि मंत्री हरजोत सिंह बैंस की पत्नी एसपी ज्योति यादव जाँच में बाधा डाल रही हैं और मामले को रोकने के लिए दबाव डाल रही हैं। हालाँकि, जाँच के दौरान उन्हें रोकने की काफी कोशिश की गई। इसी क्रम में उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा भी दर्ज कराया गया। इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस शिकायत के बारे में खबर छापी है, हालाँकि उसमें मंत्री और उनकी एसपी पत्नी के नाम नहीं दिए गए हैं, लेकिन कॉल सेंटर घोटाले के आरोपितों के बारे में जानकारी दी गई है।
मंत्री की एसपी पत्नी पर भी गंभीर आरोप
इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने अपनी शिकायत में मंत्री हरजोत बैंस की पुलिस अधीक्षक (एसपी) पत्नी ज्योति यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने जाँच में रुकावट डालने की कोशिश की और मामले को कमजोर करने के लिए दबाव बनाया। एसपी ज्योति यादव पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रोफेसर बलविंदर कौर की मौत के मामले में भी हस्तक्षेप किया था, जिसमें एसपी ज्योति यादव और डीएसपी गुरशेर ने प्रोफेसर बलविंदर कौर से संबंधित कॉल रिकॉर्ड अवैध रूप से माँगे, जिन्होंने 1,158 सहायक प्रोफेसरों से जुड़े विवाद के बीच आत्महत्या कर ली थी।
बलविंदर कौर ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में हरजोत सिंह बैंस का नाम लिखा था। अमनजोत ने कहा कि एसपी ज्योति यादव इस मामले को अपने पति को बचाने के लिए दबा रही थीं। बता दें कि एसपी ज्योति यादव और मंत्री हरजोत बैंस ने बीते साल मार्च महीने में शादी की थी।
अमनजोत कौर ने एक जज पर भी आरोप लगाए हैं कि उन्होंने घोटालेबाजों से संपत्ति स्वीकार की और उनके खिलाफ एक फर्जी एफआईआर दर्ज की। शिकायत में जज का नाम और संपत्ति का विवरण भी दिया गया है। अमनजोत ने इस मामले की निष्पक्ष जाँच की माँग की है और मोहाली पुलिस से केस हटाकर किसी अन्य एजेंसी से जाँच कराने की अपील की है।
अमनजोत कौर ने एक जज पर भी आरोप लगाए हैं कि उन्होंने घोटालेबाजों से संपत्ति स्वीकार की और उनके खिलाफ एक फर्जी एफआईआर दर्ज की। शिकायत में जज का नाम और संपत्ति का विवरण भी दिया गया है। अमनजोत ने इस मामले की निष्पक्ष जाँच की माँग की है और मोहाली पुलिस से केस हटाकर किसी अन्य एजेंसी से जाँच कराने की अपील की है।
यह घोटाला पंजाब के साइबर क्राइम यूनिट से जुड़ा है, जहाँ फर्जी कॉल सेंटर चलाए जा रहे थे। इन कॉल सेंटरों से विदेशियों को निशाना बनाकर ठगी की जा रही थी, और यह राशि धीरे-धीरे करोड़ों में पहुँच गई। कॉल सेंटर के मालिक विजय राय कपूरिया को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन जाँच के दौरान कई बड़े नाम सामने आए हैं, जिसमें हरजोत बैंस का नाम भी प्रमुख रूप से उभर कर आया है। अगर इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो भ्रष्टाचार और घोटाले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का दावा करती है।
इंस्पेक्टर ने की न्याय की माँग
अमनजोत कौर ने इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच की माँग की है। उनका कहना है कि यह घोटाला न केवल साइबर क्राइम का मामला है, बल्कि इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप और मिलीभगत का भी संदेह है। अब देखना यह है कि पंजाब पुलिस और राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। वैसे, यह मामला न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अहम है, क्योंकि इसमें विदेशियों को निशाना बनाया गया है। साइबर घोटाले की इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा और अपराध के खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।