रामलीला बनेगी प्रेरणा : इस बार मंच से गूँजेगा संदेश- ‘पर्यावरण बचाओ
रामलीला बनेगी प्रेरणा : इस बार मंच से गूँजेगा संदेश- ‘पर्यावरण बचाओ’
रामलीला में इस बार विशेष संदेश : ‘पर्यावरण संरक्षण ही धर्म
आस्था के संग पर्यावरण का पाठ पढ़ाएगी मोहाली की रामलीला
बाढ़ की त्रासदी से सबक : रामलीला मंच से उठेगी पर्यावरण बचाने की आवाज़
मोहाली, 17 सितंबर :
श्रीरामलीला एवं दशहरा कमेटी, मोहाली (फेज-1) इस साल अपने भव्य आयोजन में एक विशेष पहल करने जा रही है। पारंपरिक मंचन और रावण दहन के साथ-साथ इस बार का मुख्य थीम रखा गया है – “पर्यावरण संरक्षण” । हाल ही में कई राज्यों में आई बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रकृति से खिलवाड़ इंसान को भारी पड़ सकता है। ऐसे में रामलीला के मंच से लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश देना समय की ज़रूरत भी है और सामाजिक ज़िम्मेदारी भी।
समिति अध्यक्ष आशु सूद ने बताया कि इस बार मंचन के कई दृश्यों को इस तरह से प्रस्तुत किया जाएगा कि दर्शक उनसे प्रेरित होकर पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि रामायण के आदर्शों के साथ-साथ समाज को यह भी समझाया जाए कि वृक्ष, जल और वायु की रक्षा करना भी उतना ही बड़ा धर्म है।”
समिति के प्रेस सचिव प्रिंस मिश्रा ने बताया कि रामलीला मैदान में हर दिन पर्यावरण जागरूकता से जुड़े संदेश पोस्टर और बैनर के माध्यम से दिखाए जाएंगे। साथ ही, कार्यक्रम स्थल पर ‘ग्रीन ज़ोन’ भी बनाया जाएगा, जहाँ पौधारोपण और स्वच्छता अभियान से जुड़ी जानकारी लोगों को दी जाएगी।
बुज़ुर्ग दर्शक और वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि पहले रामलीला केवल धार्मिक आयोजन मानी जाती थी, लेकिन अब इसे समाज को दिशा देने वाले मंच के रूप में देखा जा रहा है। मोहाली की रामलीला इस बार केवल प्रभु श्रीराम के आदर्श ही नहीं, बल्कि पर्यावरण बचाने का संकल्प भी घर-घर तक पहुँचाएगी।