तीन साल में नष्ट होगा आरटीआई रिकॉर्ड, सरकार ने लिया फैसला
तीन साल में नष्ट होगा आरटीआई रिकॉर्ड, सरकार ने लिया फैसला
शिमला। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से संबंधित रिकॉर्ड को तीन साल बाद नष्ट किया जा सकेगा। केवल उल्लेखनीय आदेश वाले मामलों में ही आरटीआई के मामलों में ही रिकॉर्ड को पांच वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। प्रशासनिक कारणों से आरटीआई की फाइल को बी कीप की श्रेणी में रखा जा सकेगा। कई विभागों में आरटीआई एक्ट से संबंधित आवेदनों, अपीलों या इनसे संबंधित रिकॉर्ड के ढेर लगे हुए हैं। यह कार्यालयों का काफी स्थान घेरे हुए हैं। इसलिए इन्हें नष्ट करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार ने आवेदनों से संबंधित रिकॉर्ड रखने की अवधि के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस कदम का उद्देश्य प्रक्रिया को सरल बनाना और सरकारी विभागों में रिकॉर्ड प्रबंधन को बेहतर बनाना है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग से अपनाई गई संशोधित रिकॉर्ड रखने की अनुसूची अथवा नीति-2012 के अनुसार आरटीआई मामलों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अब विशिष्ट रखने की अवधि होगी। बिना किसी प्रथम अपील के निपटाए गए आरटीआई मामलों को तीन साल तक रखा जाएगा। जिन मामलों में पहली अपील की जाती है, उन्हें भी तीन साल तक रखा जाएगा।
हालांकि, दूसरी अपील में भेजे गए मामलों के लिए रखने की अवधि तीन साल या आयोग के आदेशों का पालन होने तक रखा जा सकेगा। इसमें जो अवधि बाद में आएगी, वही मान्य होगी। उल्लेखनीय है कि महत्वपूर्ण निर्णयों से संबंधित दूसरी अपील वाले आरटीआई मामलों को पांच साल तक रखा जाएगा। राज्य सरकार ने पहली और दूसरी अपील वाली केस फाइलों और आरटीआई अधिनियम से संबंधित प्रशासनिक फाइलों के लिए भी तीन साल की अवधि तय की है। यानी इस अवधि के बाद रिकॉर्ड को हटाया जा सकेगा। यह दिशा-निर्देश राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, उपायुक्तों, विभागाध्यक्षों और अन्य प्रमुख अधिकारियों को भेजे गए हैं। सरकार ने इन निर्देशों का पालन करने और सभी विभागों और कार्यालयों में इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया है।