सुक्खू सरकार द्वारा उद्योगों के लिए विशेष नीतियां
आईटी और स्टार्टअप उद्योग:
पालमपुर में आईटी पार्क स्थापना (राख-नगरी), जो सूक्ष्म/लघु उद्योगों और स्टार्टअप को बढ़ावा देगा।
युवा उद्यमियों को रोजगार और तकनीकी अवसर प्रदान करने का लक्ष्य।
खनन उद्योग:
खनन नीति संशोधन (2025): राजस्व को ₹400 करोड़ से ₹1,000 करोड़ तक बढ़ाने के लिए पारदर्शी लीज प्रक्रिया और छोटे प्लाट आवंटन।
5 बीघा से अधिक जमीन के लिए नीलामी अनिवार्य करना।
ऊर्जा-आधारित उद्योग:
बिजली सब्सिडी: 33 केवी या अधिक खपत वाले उद्योगों को साल में दो बार डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी।
हरित ऊर्जा (सौर, पवन, जलविद्युत) परियोजनाओं को प्राथमिकता।
कृषि और बागवानी उद्योग:
हिमाचल की पहली बागवानी नीति (2032 तक ₹230 करोड़ वार्षिक व्यापार लक्ष्य)।
खाद्य भंडारण: हमीरपुर और बिलासपुर में नए गोदामों का निर्माण।
निर्माण और औद्योगिक क्षेत्र:
भूड और बद्दी को नए औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना।
छोटे उद्योगों के लिए सहायता, हालांकि “मुख्यंमत्री स्वाबलंबन योजना” समाप्त होने से कुछ चुनौतियां।
चुनौतियां:
▸ उद्योग पलायन (कथित तौर पर नीतिगत विसंगतियों के कारण)।
▸ बिजली परियोजनाएं केंद्र-राज्य समन्वय की आवश्यकता।
निष्कर्ष: सरकार ने आईटी, खनन, और हरित ऊर्जा को प्राथमिकता दी है, लेकिन सब्सिडी/नीति कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।