US डिपोर्ट पीने के लिए मिलता था टाॅयलेट की टंकी का पानी अब तो सपने में नहीं लेंगे विदेश का नाम
अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 लोगों में 30 पंजाब के हैं। डॉलर कमाने की चाह में युवा डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे। अब खाली हाथ लौटना पड़ा है।
अमेरिका से भारत डिपोर्ट किए गए युवाओं का विदेश जाकर परिवार को खुशहाल बनाने का सपना भारी पड़ गया। विदेश जाकर पैसा कमाने की खातिर उन्होंने अपनी सारी पूंजी तक दांव पर लगा दी। इसके बाद भी उन्होंने ऐसी ऐसी यातनाएं झेली जिसे सोचकर भी रुह कांप जाए। यूएस से डिपोर्ट हुए ऐसे ही कुछ लोगों ने रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलासे किए।
अब भी हजारों लोग डंकी लगाने के इंतजार में
कस्बा चोहला साहिब निवासी नौनिहाल सिंह भगवान का शुक्र करते हैं कि उनका बेटा जीवित वापस घर लौट आया है। हालांकि अब उन्हें 45 लाख के कर्ज की चिंता सता रही है। पाकिस्तान से एजेंट के झांसे में आकर आकर उनका बेटा मंदीप सिंह दो माह पहले ही इटली से मैक्सिको के बाॅर्डर पर पहुंचा था। वहां पर लगातार आठ दिन शारीरिक यातनाएं झेलता रहा। खाने के लिए भोजन नहीं मिलता था। प्यास बुझाने के लिए टाॅयलेट की टंकी का पानी दिया जाता था।
मंदीप सिंह ने खुलासा किया कि मैक्सिको बाॅर्डर पर हजारों लोग अब भी अमेरिका के लिए डंकी लगाने के इंतजार में हैं। उनके दो माह परेशानी के चलते व्यतीत हुए। एक सप्ताह लगातार गन पॉइंट पर लेकर मारपीट का शिकार बनाया जाता रहा। एजेंटों ने करीब तीन हजार यूरो, मोबाइल, चेन व पासपोर्ट छीन लिया। 22 जनवरी को जब बाॅर्डर पार किया, तो अमेरिका की पुलिस ने उसको दबोच लिया।