ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर से दो बार फेल, तो स्क्रैप बनेगी गाड़ी
15 साल पुराने सभी वाहनों के लिए लागू होगी व्यवस्था, पांच ऑटोमैटिक सेंटर्ज को प्रदेश सरकार ने दी मंजूरी
हिमाचल प्रदेश में वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए पांच ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित होंगे, जिन्हें मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। अहम बात है कि इन ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर यानी एटीएस में दो बार यदि कोई गाड़ी पास नहीं होती है, तो उसे केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के तहत कंडम कर दिया जाएगा। इसके लिए वाहन मालिक को अपील में जाने का भी मौका मिलेगा। 15 साल से ऊपर के सभी तरह के वाहनों पर यह स्क्रैप पॉलिसी लागू होने जा रही है, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश में शुरुआत में पांच टेस्टिंग सेंटर बनेंगे। बताया जा रहा है कि सरकारी क्षेत्र में एक टेस्टिंग सेंटर बद्दी में बनने वाला है, उसके लिए जमीन देखी जा चुकी है। शेष चार सेंटर प्राइवेट कंपनियों को दिए जाएंगे, लेकिन सर्टिफिकेशन परिवहन विभाग ही करेगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में पांच स्थानों पर वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के नागरिकों को बेहतर सेवा देना है।
पीपीपी मोड पर यह स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। वाहनों की पासिंग व जांच में न तो सिफारिश चलेगी, न ही कोई जुगाड़। गाड़ी का गियर, ब्रेक, क्लच ठीक से काम कर रहे हैं, प्रदूषण और फिटनेस के अन्य मानकों को मशीन से ही चैक किया जाएगा। जांच में पहली बार यदि कोई खामी यानी फॉल्ट नजर आता है, तो उसे दुरुस्त करने का एक और मौका वाहन मालिक को दिया जाएगा। यदि दूसरी बार भी यह परीक्षण में फेल हो जाती है, तो फिर अपील का मौका मिलेगा और उसके बाद सीधे स्क्रैप में भेजा जाएगा।