कर्ज के जाल में फंसाकर गई थी भाजपा, CM का आरोप, जयराम सरकार ने प्रदेश के संसाधन लुटाए
सीएम सुक्खू का आरोप, जयराम सरकार ने प्रदेश के संसाधन लुटाए
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि पूर्व सरकार हिमाचल प्रदेश को ऋण के जाल में फंसाकर गई थी। उन्होंने भाजपा को जमकर कोते हुए कहा कि जयराम सरकार ने हिमाचल के संसाधनों को लुटाया है। जयराम सरकार के पास पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि थी, मगर फिर भी उसने 40 हजार करोड़ से ऊपर का ऋण लिया। इसके बाद भी कर्मचारियों का वेतनमान का बकाया एरियर चुकता नहीं किया, जिसे अब वर्तमान सरकार चुका रही है। वर्ष 2018-19 में भाजपा ने 5745 करोड़ का ऋण लिया, तो वहीं 2019-20 में पांच हजार करोड़, 2020 में 10888 करोड़, 2021 में 8321 करोड़ तथा 2022 में दिसंबर महीने तक 10398 करोड़ रुपए की राशि का लोन लिया। इसके बाद तीन महीने में बची हुई लिमिट वर्तमान सरकार ने ली। उन्होंने कहा कि 40 हजार 772 करोड़ का लोन लेकर भाजपा के नेता भूल गए हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश को ऋण के जाल में फंसाया है। तत्कालीन भाजपा सरकार को राजस्व घाटा अनुदान की राशि भी वर्तमान से ज्यादा मिली और जीएसटी का मुआवजा भी ज्यादा मिला। 15वें वितायोग में 11431 करोड़ की एक अतिरिक्त किस्त भी मिली।
इसके बाद भी उस सरकार ने ऋण लिया। जीएसटी मुआवजे व आरडीजी में पूर्व सरकार को 68 हजार करोड़ की राशि मिली थी, जिससे उसने रेवडिय़ां बांटीं। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने ओपीएस दिया, जिस कारण 1700 करोड़ रुपए की कटौती ऋण सीमा में कर दी गई, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है और वह अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ खड़ी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि दो साल में वर्तमान सरकार ने 29 हजार करोड़ का ऋण लिया है,