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ड्रोन से जासूसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री का बयान ग़ैर ज़िम्मेदाराना और हास्यास्पद : जयराम ठाकुर

ड्रोन से जासूसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री का बयान ग़ैर ज़िम्मेदाराना और हास्यास्पद : जयराम ठाकुर

अपने साथी विधायकों की गर्दन काटने की बात पर खेद व्यक्त करें स्पीकर

वानिकी और औद्यानिकी महाविद्यालय बंद करने की साज़िश रच रही है सरकार

सुक्खू सरकार प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति की ज़िम्मेदार

वेतन दो महीनें बाद लेने के बजाय सीपीएस को क्यों नहीं हटाती सरकार

शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि उनके आधिकारिक आवास की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। उनके आवास के आस पास कई बार ड्रोन देखे गये। विपक्ष के नेता की इस तरह से निजता का हनन शर्मनाक है। इस पर मुख्यमंत्री द्वारा मामले की जांच करवाने का आश्वासन देने के बजाय मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। सरकार का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सत्ता के इस तरह के दुरुपयोग से सरकार बाज़ आए। ताक़त सेवा के लिए होती है, किसी को प्रताड़ित करने के लिए नहीं। इस दौरान उन्होंने पुलिस को सरकार द्वारा अनैतिक कार्यों के लिए दिए जा रहे संरक्षण को बंद करने की माँग की। उन्होंने पुलिस द्वारा भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों को परेशान करने का भी मुद्दा उठाया। भाजपा के विधायकों से पुलिस आठ-आठ घंटे पूछताछ के बाद घर जाने के लिए कहती है फिर रास्ते से वापस बुला लेती है कि कुछ सवाल और याद आ गये हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश के पहले वानिकी और औद्यानिकी महाविद्यालय को बंद करने की साज़िश कर रही है। पूर्व की सरकार ने महाविद्यालय खोला उसके लिए 240 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। भवन निर्माण के लिए 52 हज़ार वर्ग मीटर की ज़मीन प्रबंध का भी किया। जिससे वहां अकादमिक, प्रशासनिक, आवासीय भवन और पुस्तकालय के साथ-साथ खेल मैदान और व्यायामशाला भी बन सके। लेकिन सरकार अब संबंधित अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट की राह में रोड़े अटकाने के आदेश दे रही है कि किसी भी तरह से यह महाविद्यालय न बन पाए। अधिकारियों को ऐसी कमियां बताने के लिए दबाव दिया जा रहा है जिससे महाविद्यालय वहां बन ही नहीं सके।

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सरकार के मंत्रियों और सीपीएस के वेतन को दो महीनें के लिए विलंबित करने की बात कर रहे हैं। जबकि  मुख्यमंत्री को चाहिए था कि असंवैधानिक रूप से नियुक्त किए सभी सीपीएस को ही हटा दे। इससे उनके ऊपर किए जाने वाले खर्चे भी बच जाते। लेकिन सरकार ने उल्टा किया उनकी नियुक्ति को सही ठहराने में ही सरकार में कोर्ट में छः करोड़ रुपए अलग से खर्च कर दिए। इस तरह ध्यान भटकाने वाले हथकंडों से काम नहीं चलने वाला।

नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा एक सभा में दिए बयान ‘छः विधायकों के सर कलम करने और तीन विधायकों की गर्दन आरी के नीचे है और वह तड़प रहे हैं’ की निंदा करते हुए खेद प्रकट करने के लिए कहा। अपने कलीग के बारे में इस तरह की बात करना शर्मनाक है। कई विधायक फिर से जनता की अदालत से फिर चुनकर आए। वह स्पीकर के बयान से आहत हैं। इसलिए वे स्पीकर से उनके बयान पर खेद प्रकट करने की मांग कर रहे थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में इस समय हर तरह की अराजकता है। हर वर्ग सरकार से निराश है।

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