दुर्लभ संयोग में पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, उठी आस्था की लहर
दुष्यंतविचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। समुद्र मंथन के दौरान निकले कलश से छलकीं अमृत की चंद बूंदों से युगों पहले शुरू शुरू हुई कुंभ स्नान की परंपरा का सोमवार को आगाज हो गया है। दुनिया भर के धार्मिक आयोजनों में सबसे बड़ा यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा।
दुनिया भर के धार्मिक आयोजनों में सबसे बड़ा यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा। इस बार महाकुंभ में 183 देशों के लोगों के आने की उम्मीद है। इन विदेशी मेहमानों के स्वागत और आतिथ्य के लिए योेगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से भव्य तैयारियां की गई हैं।
दुर्लभ संयोग में पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, उठी आस्था की लहर
144 साल बाद दुर्लभ संयोग में रविवार की आधी रात संगम पर पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ महाकुंभ का शुभारंभ हो गया। विपरीत विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। इस अमृतमयी महाकुंभ में देश-दुनिया से 45 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों-भक्तों, कल्पवासियों और अतिथियों के डुबकी लगाने का अनुमान है।