पंचायतों, शहरी निकायों के पुनर्गठन का रास्ता साफ, हिमाचल सरकार ने बढ़ाई बाउंड्री फ्रीज करने की तारीख
हिमाचल सरकार ने पहली जुलाई तक बढ़ाई बाउंड्री फ्रीज करने की तारीख
नई पंचायतों के गठन के 650 आवेदन, शहरी निकायों में 43 पंचायतें खत्म हुईं
हिमाचल में ग्राम पंचायत और शहरी निकायों के पुनर्गठन का रास्ता साफ हो गया है। भारत सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सोमवार को राज्य में बाउंड्री फ्रीज करने की तारीख बढक़र पहली जुलाई, 2025 नोटिफाई कर दी है। देश में होने वाली जनगणना के कारण इस तारीख का ध्यान रखना जरूरी है। अब पहली जुलाई, 2025 तक राज्य में जिलों, तहसीलों, सब तहसील, गांव, नगर और वार्ड इत्यादि की सीमा का परिसीमन हो सकेगा। पहले यह तारीख पहली जनवरी, 2025 तक थी। इसी डेट के कारण राज्य सरकार ने शहरी निकायों को अपग्रेड करने या नए शहर बनाने को लेकर जल्दबाजी में फैसला लिया था। अब इस फैसले में भी संशोधन संभव है।
दूसरी तरफ राज्य सरकार पंचायती राज चुनाव से पहले नई पंचायतों का गठन भी करना चाहती है। वर्तमान में हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं और 2020 में 412 पंचायतें नई बनाई गई थीं। हालांकि तब शहरी निकायों में मर्ज होने के कारण 397 पंचायतें ही और जुड़ी थीं। अब पंचायती राज विभाग को नई पंचायत के गठन के 650 के आसपास आवेदन आए हुए हैं। परिसीमन की तारीख बढ़ाने के कारण इन आवेदनों पर अब आराम से फैसला हो सकेगा। हालांकि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए नए शहरी निकायों के कारण 43 पंचायतें खत्म हो गई हैं। हिमाचल में वर्तमान में एक पंचायत का औसत जनसंख्या आकार 1673 लोगों का है। यानी एक पंचायत में करीब 400 परिवार आ रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ज्यादा पंचायत के गठन के पक्ष में नहीं है, लेकिन जनसंख्या का एक फार्मूला बनाकर इस बारे में फैसला लिया जाएगा।