प्रदेश के सरकारी क्षेत्र में 1327 को रोजगार
23186 श्रमिकों को बेरोजगारी; 75485 को मिल रहा कौशल विकास भत्ता, रोजगार मेलों में युवाओं को अवसर
हिमाचल प्रदेश में श्रम प्रधान उद्योग हैं और श्रमिकों के कल्याण, प्रबंधन और कौशल विकास पर ध्यान देना तथा उन्हें कार्यक्षेत्र में सुरक्षित परिस्थितियां प्रदान करना बेहद महत्त्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए पूर्णत: संकल्पित है। कामगारों व उनके परिजनों को कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में अनुसूचित रोजगारों में काम करने वाले अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में 350 रुपए प्रतिदिन अथवा 10500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 375 रुपए प्रतिदिन अथवा 11250 रुपए प्रतिमाह किया। इस वर्ष न्यूनतम मजदूरी पुन: बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिदिन अथवा 12000 रुपए प्रतिमाह किया गया है। इस प्रकार राज्य सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में न्यूनतम मजदूरी में 50 रुपए प्रतिदिन की बढ़ोतरी की है।
कौशल विकास भत्ता योजना के तहत गत दो वर्षों में 75485 श्रमिकों को इस योजना के दायरे में लाया गया है और पात्र आवेदकों को 89.02 करोड़ रुपए कौशल विकास भत्ता वितरित किया गया है। इसी प्रकार गत दो वर्षों में 23186 श्रमिकों को बेरोजगारी भत्ता योजना के दायरे में लाया गया और योजना के अंतर्गत पात्र आवेदकों को 44.54 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया गया है। वहीं औद्योगिक कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत गत दो वर्षों में 72 लाख भत्ता प्रदान किया गया है और 269 नए पात्र आवेदकों को योजना के दायरे में लाया गया है।